नई दिल्ली । देश में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के लिए भारत को चौथी कोरोना वैक्सीन मिल सकती है। दुनिया की सबसे कारगर वैक्सीन बनाने वाली कंपनी फाइजर(Pfizer) भारत के संपर्क में है। भारत में अपनी कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दिलाने के लिए वह फिलहाल बातचीत कर रही है। फाइजर(Pfizer) अमेरिकी वैक्सीन निर्माता कंपनी है जो अब भारत आ सकती है। कई एक्सपर्ट ने इस टीके को कोरोना संक्रमण के खिलाफ सबसे कारगर माना है। इस टीके ने अपने सभी ट्रायलों में कोरोना संक्रमण के खिलाफ 92 प्रतिशत से 95 प्रतिशत तक की क्षमता दिखाई थी। वैक्सीन का नाम BNT162b2 है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी असरदार और सुरक्षित कोरोना वैक्सीन की सूची मे शामिल किया है।

भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है। मौत का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है। हालात जैसे काबू से बाहर हो गए हैं। ऐसे में भारत सरकार वैक्सीनेशन(टीकाकरण) को कोरोना से निपटने के सबसे बड़े उपाय के रूप में देख रही है। फिलहाल भारत में कोविशील्ड और कोवैक्सीन उपलब्ध हैं। रूस की स्पूतनिक V को आपातकालीन मंजूरी दे दी गई है। 1 मई से 18 साल से ऊपर की उम्र वालों के लिए भी वैक्सीनेशन शुरू हो गया है।

भारत आने से पहले रखी शर्त

भारत में इसके आने से पहले ही फाइजर कंपनी ने एक शर्त रख दी है। फाइजर ने कहा है कि वो अपनी कोविड-19 वैक्सीन केवल सरकारी कॉन्ट्रैक्ट के माध्यम से ही देगी। इसका मतलब है कि शायद ये वैक्सीन देश के प्राइवेट अस्पतालों में ना मिले, जब तक कि सरकार इन प्राइवेट संस्थानों को ये वैक्सीन ना दे।

फाइजर ने ये फैसला ऐसे वक्त में किया है जब भारत ने अपनी कोविड टीकाकरण रणनीति में एक के बाद एक बदलाव किए हैं। उसने कंपनियों को ये ऑप्शन दिया है कि वे थोड़े अधिक दामों में राज्यों या फिर प्राइवेट अस्पतालों को भी अपनी वैक्सीन बेच सकती हैं। इस बारे में फाइजर के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी भारत में वैक्सीन जरूर उपलब्ध कराएगी लेकिन महामारी के इस दौर में वो सरकारी टीकाकरण कार्यक्रमों को प्राथमिकता देगी।