नूपुर शर्मा पर PAK का UN में पलटवार, भारत ने दिया मुंहतोड़ जवाब

नूपुर शर्मा पर PAK का UN में पलटवार, भारत ने दिया मुंहतोड़ जवाब
  • पाकिस्तान ने नूपुर शर्मा के बयान को लेकर संयुक्त राष्ट्र में भारत को घेरने का प्रयास किया. लेकिन भारत ने इसके जवाब में पाकिस्तान को खरी-खरी सुना दी. भारत ने अपने जवाब में बताया कि भारत सभी धर्मों को सम्मान देता है और सहिष्णुता की संस्कृति को भी बढ़ाव

नई दिल्ली :  पाकिस्तान ने नूपुर शर्मा के बयान को लेकर संयुक्त राष्ट्र में भारत को घेरने का प्रयास किया. लेकिन भारत ने इसके जवाब में पाकिस्तान को खरी-खरी सुना दी. भारत ने अपने जवाब में बताया कि भारत सभी धर्मों को सम्मान देता है और सहिष्णुता की संस्कृति को भी बढ़ावा देता है. भारत ने पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे चुनिंदा विरोध (selective outrage) पर भी निशाना साधा.पाकिस्तान इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी (OIC) के बयान का सहारा लेकर भारत को संयुक्त राष्ट्र में टारगेट करने का प्रयास कर रहा था. बीजेपी की पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगम्बर मोहम्मद को लेकर कहे गए तथाकथित आपत्तिजनक शब्दों पर ओआईसी ने एक बयान जारी किया था. पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरम ने ओआईसी द्वारा जारी बयान का ही हवाला देकर भारत को संयुक्त राष्ट्र में घेरने का प्रयास किया.
भारत ने दिया था OIC को करारा जवाब

पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरम ने ओआईसी द्वारा जारी बयान का ही हवाला देकर भारत को संयुक्त राष्ट्र में घेरने का प्रयास किया. उन्होने बताया कि पैगम्बर मोहम्मद को लेकर कहे गए आपत्तिजनक शब्दों के बाद कई इस्लामिक देशों की सरकारों ने इसके खिलाफ आधिकारिक तौर नाराजगी जताई थी. इस विरोध को देखते हुए बीजेपी ने तुरंत दोनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की थी. लेकिन उसी समय इस्लामिक देशों के संगठन OIC ने भी इन नेताओं और भारत में मुस्लिमों की स्थिति को लेकर बयान जारी किया था. इसके जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता अरिंदम बागची ने कहा था कि भारत ओआईसी के अनपेक्षित और संकीर्ण सोच वाले बयानों को खारिज करता है. साथ ही उन्होंने जोर देकर यह भी कहा था कि भारत सभी धर्मों का सर्वोच्‍च सम्‍मान करता है.

भारतीय कानून से निपटाए जाते हैं मसले

भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति (TS Tirumurti) ने संयुक्‍त राष्‍ट्र आम सभा में हेट स्पीच (Hate Speech) के खिलाफ आयोजित बैठक में पाकिस्तान द्वारा उठाए गए मुद्दे का विरोध करते हुए कहा कि लोकतंत्र और बहुलवाद को मानने वाला भारत, सांस्‍कृतिक सहिष्‍णुता को बढ़ावा देता है और संविधान के दायरे में सभी धर्मों और संस्‍कृतियों का सम्‍मान करता है. उन्होंने कहा कि ऐसे धार्मिक विवाद से जुड़े मुद्दों से हमारे कानूनी ढांचे के तहत निपटा जाएगा. उन्होंने कहा कि हम बाहर से आने वाले चुनिंदा विरोध (Selective Outrage) को खारिज करते हैं. वह भी तब जब वह विरोध दुर्भावना से प्रेरित हो और विभाजनकारी एजेंडे को बढ़ावा देता हो. जैसा हमने आज ओआईसी की तरफ से अभी भारत का जिक्र करते हुए सुना.

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