बसपा के पूर्व विधायक हाजी अलीम की हत्या में बेटे का बड़ा खुलासा, अनस नहीं, चाचा ने कराया था मर्डर
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से बसपा के पूर्व विधायक हाजी अलीम की हत्या का राज सीबीसीआईडी टीम भले ही खोलने का दावा कर रही हो लेकिन हाजी अलीम के बेटे ने इस खुलासे को गलत बताकर सनसनी फैला दी है। हाजी अलीम के बेटे दानिश का आरोप है कि उनके चाचा यूनुस ने सीबीसीआईडी से सांठगांठ करते हुए इस मुकदमे की शुरू से पैरवी कर रहे उनके भाई अनस को फंसाने का काम किया है।
सोमवार को मेरठ में गढ़ रोड स्थित होटल सेवन इलेवन में प्रेसवार्ता करते हुए पत्रकारों से रूबरू हुए हाजी अलीम के बेटे दानिश अली ने बताया कि उनके पिता की हत्या उनके विश्वासपात्र सिक्योरिटी गार्ड शारिब ने की थी। पिता की हत्या के बाद मौके पर पहुंचे चाचा यूनुस ने सबूत मिटाने का काम किया। तीन दिन तक इस मामले में परिवार के कहने के बाद भी उन्होंने कोई कानूनी कदम नहीं उठाया।
अनस ने अपने पिता को न्याय दिलाने के लिए मुहिम छेड़ने की कोशिश की तो उसे भी डरा धमका कर शांत करा दिया गया। समाज का दबाव बनता देख यूनुस ने तीन दिन बाद अज्ञात के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया। शुरू से ही इस मामले में यूनुस, अनस को फंसाने का प्रयास करते रहे। उन्होंने सीबीसीआईडी के समक्ष भी कई बार अनस को हत्या में फंसाने का प्रस्ताव रखा लेकिन उस दौरान सीबीसीआईडी उस प्रस्ताव को ठुकराते रही।
शायद यही वजह रही कि बाद में सीबीसीआईडी ने यूनुस के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। अनस की गिरफ्तारी से तीन दिन पहले सीबीसीआईडी के अफसरों ने अनस से कहा था कि अगर उसके पास सीबीसीआईडी से कोई फोन आता है तो वह दफ्तर न आए। लेकिन तीन दिन बाद अचानक अनस जब इस मामले की जानकारी लेने सीबीसीआईडी दफ्तर पहुंचा तो उसे वहां से गिरफ्तार कर लिया गया।
राजनीतिक लाभ के लिए कराई हत्या
दानिश ने यह भी आरोप लगाया कि उसके चाचा यूनुस राजनीतिक लाभ लेना चाहते थे। वह अपने बड़े भाई हाजी अलीम की जगह बुलंदशहर के विधायक बनना चाहते थे। लेकिन यह उनके जीवित रहने तक संभव नहीं था। इसलिए उन्होंने पहले उनके पिता की हत्या कराई और फिर उनकी संपत्तियों पर भी कब्जा कर लिया। इसका सबसे बड़ा सबूत यह है कि अपने भाई के मरने के बाद भी यूनुस ने राजनीति में रुचि दिखाई और उपचुनाव तक में भागीदारी की।
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिलकर इस मामले की जांच कराए जाने की बात कही है। प्रेस वार्ता में मौजूद रही हाजी अलीम की पत्नी कमर जहां ने भी इस मामले की सीबीआई से जांच कराए जाने का आग्रह किया है। साथ ही यूनुस से अपने परिवार खासकर अपने बेटों की जान का खतरा भी जताया है।
ऐसे काम करती है सीबीसीआईडी टीम
किसी आपराधिक मामले की जांच सीबीसीआईडी को स्थानान्तरित करने का अधिकार प्रदेश के पुलिस महानिदेशक और प्रमुख सचिव गृह को होता है। पीड़ित की द्वारा प्रार्थना पत्र के रुप में पूरी जानकारी मिलने के बादअधिकारी मामले की समीक्षा के बाद जांच सीबीसीआईडी से करने का आदेश कर देते हैं।
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