मैं माफी मांग लूंगा… महाकुंभ भगदड़ पर राज्यसभा में फिर धनखड़-खरगे में नोकझोंक
संसद में एक बार फिर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बीच तीखी नोकझोंक हो गई. सदन में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे आज सोमवार को जब संसद के ऊपरी सदन में महाकुंभ में हुए भगदड़ को लेकर अपनी बात रख रहे थे तो दोनों में हादसे के दौरान हुई मौतों को लेकर बहस शुरू हो गई.
आप जानते हैं कि आप क्या कह रहे हैंः धनखड़
इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने खरगे को टोकते हुए कहा, “अगर आप 1000 का आंकड़ा बता रहे हैं तो क्या बात कर रहे हैं मल्लिकार्जुन जी. आप सोच भी रहे हैं कि क्या बोल रहे हैं… कितने लोगों का दिल दुखेगा.”
खरगे के जवाब से जगदीप धनखड़ नाराज दिखे. उन्होंने कहा कि आप कैसी बात कर रहे हैं. इससे क्या संदेश जाएगा दुनिया में.
राज्यसभा में विपक्षी सांसदों का हंगामा
संसद से बाहर सपा सांसद जया बच्चन ने कहा, “महाकुंभ भगदड़ की घटना इस देश में अभी सबसे बड़ा मुद्दा है. उन्हें मृतकों की सही संख्या बतानी चाहिए और जनता को सफाई देनी चाहिए. उन्होंने झूठ बोला. व्यवस्थाएं आम आदमी के लिए नहीं बल्कि VIP के लिए था.”
इससे पहले महाकुंभ में कथित कुप्रबंधन के मुद्दे पर तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग को लेकर विपक्षी दलों ने आज सोमवार को राज्यसभा में भारी हंगामा किया. आसन की ओर से उनकी मांग खारिज किए जाने के बाद विपक्षी सांसदों ने पहले शून्यकाल और फिर प्रश्नकाल के दौरान सदन से बहिष्कार किया.
मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हुए थे. शाही स्नान से पहले वहां पर भगदड़ मच गई थी. इस भगदड़ में कई लोग की मौत भी हो गई थी जबकि कई लोग घायल भी हुए थे.
महाकुंभ पर चर्चा के नोटिस खारिज
उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत चर्चा के लिए कुल 9 नोटिस मिले हैं. ये नोटिस कांग्रेस के प्रमोद तिवारी और दिग्विजय सिंह के अलावा समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान और रामजी लाल सुमन, तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सागरिका घोष, तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के जॉन ब्रिटास ने महाकुंभ में कुप्रबंधन के मुद्दे पर नोटिस दिए थे.
जबकि कांग्रेस के ही रणदीप सिंह सुरजेवाला और चंद्रकात हंडोरे ने संविधान और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के अपमान की बढ़ती घटनाओं पर नोटिस दिए थे. हालांकि सभापति धनखड़ ने सभी नोटिस को अस्वीकार कर दिया, इससे विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया.