‘हम न सहबो गाली भइया…’, मनोज झा ने सुनाई कहानी, कैसे लालू ने पत्थर तोड़ने वाली भगवतिया देवी को बनाया सांसद

‘हम न सहबो गाली भइया…’, मनोज झा ने सुनाई कहानी, कैसे लालू ने पत्थर तोड़ने वाली भगवतिया देवी को बनाया सांसद

राजद से राज्यसभा सांसद प्रोफेसर मनोज झा ने महिला आरक्षण विधेयक पर गुरुवार को संसद में अपनी बात रखी। राजद नेता ने कहा कि हमारी पार्टी के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने एक पत्थर तोड़ने वाली महिला को सांसद बनाया। भगवतिया देवी गया से निकल कर संसद पहुंची। क्‍या उसके बाद फिर कभी भगवतिया देवी आ पाईं?

पटना: राजद से राज्यसभा सांसद प्रोफेसर मनोज झा ने महिला आरक्षण विधेयक पर संसद में हो रही चर्चा के के दौरान कहा कि हमारी पार्टी के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने एक पत्थर तोड़ने वाली महिला को सांसद बनाया। भगवतिया देवी गया से निकल कर संसद पहुंची। क्‍या उसके बाद फिर कभी भगवतिया देवी आ पाईं?

राजद नेता मनोज झा ने कहा कि लालू ने भगवतिया देवी को सांसद बनाया। यह बात कई लोग जानते होंगे कि वह पत्थर तोड़ने वाली महिला थी। पत्थर तोड़ने वाली… हम न सहबो गाली भइया… हम न सहबो गाली भइया। गया से लेकर संसद तक पहुंची।

मनोज झा ने पूछा कि क्या उसके बाद भगवतिया देवी सांसद आ पाईं? फूलन देवी संसद आ पाईं? वो इसलिए नहीं आ पाईं कि हम आपको दोष नहीं देते हैं, वो इसलिए नहीं आ पाईं कि हमारी व्यवस्थाएं संवेदन शून्य हैं।

मनोज झा सभी पार्टियों से आग्रह करते हुए कहा कि दलीय व्हिप की चिंता छोड़कर व्यवस्था को बदलें। एक बार अपने दायरों से निकलकर सोचिए।

उन्‍होंने कहा कि इसको सेलेक्ट कमेटी में भेजकर SC/ST और ओबीसी को इनकॉरपोरेट किया जाए। अगर आज आप और हमने यह नहीं किया तो हम ऐतिहासिक गुनहगार होंगे।

‘नाम में कुछ नहीं और सरनेम में सबकुछ’

उन्होंने कहा कि पिछड़ी जाति की महिलाओं को हाथ पकड़ने के लिए कोई नहीं है। न धर्म में न आज की व्यवस्था में। हमारे नाम के पीछे जो सरनेम है, उससे हमको प्रिव्लिज्ड मिला है, लेकिन एससी, एसटी और ओबीसी को यह प्रिव्लिज्ड नहीं मिला है। इसलिए जरूरी है कि महिला आरक्षण बिल में एससी/एसटी और ओबीसी कोटा ताकि संसद सबके प्रतिनिधित्व की संस्था बन सके।

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