ईयरफोन व हैडफोन से खत्म हो रही सुनने की क्षमताः प्रमुख सचिव
- बच्चों को ऑनलाइन गेम व तेज आवाज में हैडफोन से रोकें अभिभावक
- ईयरफोन व हेडफोन से होने वाले नुकसान से बचाव के सुझाव जारी
शामली। आज के दौर में ईयरफोन व हैडफोन का जमकर प्रयोग किया जा रहा है, खासतौर पर बच्चे ईयरफोन लगाकर गेम में लगे रहते हैं जिससे उनके सुनने की क्षमता भी प्रभावित हो रही है। इस संबंध में प्रदेश के प्रमुख सचिव चिकित्सका ने ईयरफोन व हैडफोन से होने वाले नुकसान से बचाव के संबंध में सुझाव जारी किए हैं।
डीएम रविन्द्र सिंह ने बताया कि ईयरफोन व हैडफोन के इस्तेमाल से होने वाली परेशानियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने पत्र के माध्यम से अपने सुझाव जारी किए हैं। उन्होंने ईयरफोन व हैडफोन के लंबे समय तक उपयोग के कारण सुनने की क्षमता प्रभावित होने व टिनिटस को रोकने में सहायता किए जाने के सुझाव दिए हैं।
उन्होंने कहा कि बेवजह ब्लूटूथ, ईयरफोन और हेड फोन का उपयोग करने वालों को जागरूक करने की जरूरत है। घंटों ईयरफोन लगाए रखने से अस्थाई रूप से सुनने की क्षमता भी खत्म हो रही है। पहले सुनना कम धीरे-धीरे कम होता है फिर यह क्रम बढ़ता जाता है।
प्रमुख सचिव ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर 50 डेसिबल वॉल्यूम पर, ईयर फोन और हेड फोन का इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने रोजाना दो घंटे से अधिक ईयर फोन के इस्तेमाल न करने की सलाह दी है। साथ ही अभिभावकांे से भी अपील की है कि बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग और तेज आवाज में हेड फोन इस्तेमाल करने से रोकें।
उन्होंने कहा कि एक बार जब श्रवण क्षमता स्थायी रूप से खराब हो जाती है तो सामान्य श्रवण क्षमता कभी भी श्रवण यंत्र या कॉकेलर इम्प्लान्ट से कभी भी बहाल नहीं की जा सकती इसलिए इनका उपयोग आवश्यकतानुसार और सीमित मात्रा में ही करें।