‘मेरी रैली होती तो तुम भी हार जाते…’, चाचा अजित पवार से टकराए भतीजे रोहित, बोले- पैर छुओ

‘मेरी रैली होती तो तुम भी हार जाते…’, चाचा अजित पवार से टकराए भतीजे रोहित, बोले- पैर छुओ
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ गए हैं। चुनाव प्रचार के दौरान दिखी कड़वाहट भी दूर होने लगी है। एक-दूसरे के खिलाफ जमकर छींटाकशी करने वाले नेताओं के बीच अब सामान्य बातचीत होने लगी है। इसी का एक उदाहरण सोमवार को देखने को मिला। यहां महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री वसंतराव चव्हाण की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करने गए अजित पवार की मुलाकात भतीजे रोहित पवार से हुई। रोहित अभी शरद पवार खेमे के विधायक हैं। भतीजे को देख अजित पवार ने कहा कि बच गया तू।दरअसल, अजित पवार ने भतीजे रोहित की पीठ थपथपाते हुए कहा कि मैंने रैली नहीं की, इसलिए तू बच गया। अच्‍छा हुआ, वहां मेरी  रैली नहीं हुई, अगर रैली होती तो तू हार जाता। यह सुनकर रोहित पवार ने हाथ जोड़ लिए तो चाचा अजित पवार ने पैरों की ओर इशारा किया। इस पर रोहित ने हंसते हुए चाचा अजित पवार के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।

इसके बाद दोनों मुस्कुराए और गले मिलकर आगे बढ़ गए। बता दें कि भतीजे रोहित पवार ने करजात जमखेद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। रोहित जीतने वाले शरद पवार खेमे के 10 विधायकों में से एक हैं।

चाचा को लेकर सवाल पूछने पर रोहित ने दिया यह जवाब

चाचा अजित पवार की टिप्पणी के बारे में रोहित पवार से सवाल किया तो उन्‍होंने जवाब दिया कि वह मेरे लिए पिता के समान हैं। चाचा अजित पवार ने 2019 के चुनाव में मुझे जिताने में मेरी बहुत मदद की थी, लेकिन इस बार वह बारामती सीट पर व्‍यस्‍त थे, इसलिए रैली करने नहीं आए। बारामती से उनकी जीत पर मैंने उन्‍हें बधाई दी है। चाचा-भतीजे की इस मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा नेतृत्व महायुति गठबंधन को प्रचंड बहुमत मिला है।  महाराष्ट्र की 288 सीटों में से 235 सीटें मिली हैं। इनमें से भाजपा को 132 सीटें, शिवसेना-शिंदे को 57 सीटें, एनसीपी-अजित पवार गुट को 41 सीटें मिली हैं। महाराष्‍ट्र चुनाव में बीते दशकों में पहली बार किसी दल या गठबंधन को इतना बड़ा समर्थन मिला है।

वहीं महाविकास अघाड़ी गठबंधन को जबरदस्त झटका लगा है।  महा विकास अघाड़ी गठबंधन में शरद पवार गुट को 10 सीटें, कांग्रेस को 16 सीटें मिली हैं। वहीं उद्धव वाली शिवसेना को 20 सीटों से ही संतोष करना पड़ा।

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