विश्वकर्मा समाज के गौरव थे ज्ञानी जैलसिंह व स. जस्सासिंह रामगढिय़ा

सहारनपुर। दि अखिल भारतीय विश्वकर्मा महासभा व विश्वकर्मा शोध संस्थान के तत्वावधान में देश के सातवें राष्ट्रपति ज्ञानी जैलसिंह व विश्वकर्मा शिरोमणि स. जस्सासिंह रामगढिय़ा की जयंती धूमधाम के साथ मनाई गई तथा युवा पीढ़ी से पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैलसिंह व स. जस्सासिंह रामगढिय़ा से प्रेरणा लेने का आह्वान किया गया।

कस्बा रामपुर मनिहारान के मौहल्ला कायस्थान स्थित रेडिएंट प्ले स्कूल में दि अखिल भारतीय विश्वकर्मा महासभा व विश्वकर्मा शोध संस्थान के तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए निरंजन सिंह स्मारक इंटर कालेज के प्रधानाचार्य व समाजसेवी राजेंद्र सिंह धीमान ने कहा कि ज्ञानी जैलसिंह विश्वकर्मा समाज के ऐसे प्रतिभाशाली राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने अपनी प्रतिभा के बल पर देश के सर्वोच्च राष्ट्रपति पद को सुशोभित कर विश्वकर्मा समाज का गौरव बढ़ाने का काम किया था। उन्होंने कहा कि हमें ज्ञानी जैलसिंह के आदर्शों का अनुसरण करते हुए समाजोत्थान की दिशा में सकारात्मक प्रयास करना चाहिए।

समाजसेवी सत्यपाल सिंह धीमान ने स. जस्सासिंह रामगढिय़ा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स. जस्सासिंह धीमान वंश के गौरव थे जिन्होंने रामगढ़ मिशन की स्थापना करते हुए दिल्ली के लालकिले पर विजय फतह की थी जिसका प्रमाण अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के बुंगा साहिब में रखा वह पत्थर है जिस पर मुगल बादशाहों की ताजपोशी होती थी। उन्होंने कहा कि जस्सासिंह रामगढिय़ा इतिहास पुरूष थे जिन्हें युगों-युगों तक याद रखा जाएगा।

दि अखिल भारतीय विश्वकर्मा महासभा के प्रदेश महासचिव व वरिष्ठ पत्रकार सुधीर सोहल ने कहा कि विश्वकर्मा समाज का अतीत गौरवशाली है। समाज में अनेक महापुरूषों ने जन्म लिया है। हमें अपनी भावी पीढ़ी को उनके इतिहास से अवगत कराकर प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। कार्यक्रम को महासभा के जिलाध्यक्ष रमेश चंद धीमान, समाजसेवी प्रदीप धीमान ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर आशीष, हिमांशु, कृष्णा, मोहन लाल, प्रवीण सहित भारी संख्या में समाज के गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

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