करोड़ों के खेल में फंसे पूर्व डीएम, खनन माफियाओं में मचा हड़कंप, अब खुलेंगे गहरे राज
सहारनपुर में तैनात रहे दो पूर्व आईएएस अधिकारियों ने ई-टेंडरिंग के जमाने में पुराने पट्टे का मैन्युअली नवीनीकरण करके खनन का खेल खेलने की इजाजत दी। करोड़ों का खेल हुआ। सीबीआई के बाद प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दर्ज मुकदमे ने सहारनपुर की नदियों में करोड़ों के अवैध खनन के खेल पर जहां मुहर लगा दी है।
वहीं खनन के खेल में खुद को बादशाह समझने वालों के गिरेबां तक अब पहुंचने की कोशिश शुरू कर दी है। जाहिर है सहारनपुर की नदियों में सक्रिय खनन माफिया जिनके तार सफेदपोश, अफसरों और खाकी से जुड़े हैं, उनकी गर्दन प्रवर्तन निदेशालय नापने की तैयारी में जुट गया है। इसकी वजह से सहारनपुर में मंगलवार को दिनभर हड़कंप मचा रहा। खनन माफियाओं में हलचल रही।
सहारनपुर में हुए अवैध खनन मामले में सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय ने भी केस दर्ज कर लिया है। प्रवर्तन निदेशालय ने सीबीआई की एफआईआर को आधार बनाते हुए सहारनपुर में जिलाधिकारी रहे पवन कुमार और अजय सिंह के साथ 11 लोगों को नामजद किया है।
बता दें कि 30 सितंबर को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर एक अक्तूबर को सहारनपुर में कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। कंप्यूटर की हार्ड डिस्क, डायरी सहित कई अहम दस्तावेज बरामद कर उन्हें आधार बनाकर प्रवर्तन निदेशालय ने केस दर्ज किया है।
केस में लिखा है कि अपने कार्यकाल में इन जिलाधिकारियों ने सहारनपुर में 2012 से 2015 के बीच नियमों की अनदेखी कर आपराधिक षड्यंत्र रचते हुए 13 खनन पट्टों का नवीनीकरण कर दिया था। इसमें ई-टेंडर प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और मैन्युअल पट्टों का नवीनीकरण कर दिया। उस वक्त की सरकार पर भी सवाल उठा। इस दौरान जमकर अवैध खनन किया गया। हर रोज करोड़ों का खनन नदियों में किया गया।
इन पर ईडी ने दर्ज किया है मुकदमा
दो आईएएस अधिकारियों के अलावा पट्टा धारकों महमूद अली, दिलशाद, मोहम्मद इनाम, नसीम अहमद, अमित जैन, विकास अग्रवाल, मोहम्मद वाजिद, मुकेश जैन, पुनीत जैन को नामजद किया गया है। इस मुकदमे में महबूब आलम भी नामजद है, लेकिन महबूब की मौत हो चुकी है। आरोपियों में अधिकतर सहारनपुर के मिर्जापुर थाना क्षेत्र के रहने वाले है, जबकि विकास अग्रवाल देहरादून निवासी है।