हाडकंपा देने वाली ठंड मे भी महेंद्र का परिवार टीन शैड मे रहने को मजबूर

हाडकंपा देने वाली ठंड मे भी महेंद्र का परिवार टीन शैड मे रहने को मजबूर
फोटो नकुड मे रहने वाले महेंद्र का परिवार इसी टीन शैड मे रहता है
  • जिलाधिकारी के निर्देश भी नहीं दिला पाये प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ, पाचं सदस्यो मे से चार है मानसिक रूप से अपंग

नकुड 7 जनवरी इंद्रेश। जनवरी की हाड कंपा देने वाली ठंड में नगर मे एक ऐसा भी परिवार है तो टीन शैड के नीचे अपना जीवन यापन करने को मजबूर है। जिलाधिकारी के निर्देंश भी इस अपंग परिवार को सरकार की समाजकल्याण योजनाओ का लाभ नहंी दिला पाये।

नगर के मौहल्ला बंजारान में पांच सदस्यो का यह परिवार टीन शैड के नीचे जीवन बसर करता है। गौरतलब है कि पांच सदस्यो के इस परिवार में चार सदस्य मानसिक रूप से विकलंाग है। महेंद्र पुत्र दयालसिंह की पत्नी तीन बेटै बलविंद्र 25 वर्ष सोहन 23 वर्ष व जितेंद्र 21 मानसिक रूप से ठीक नंही है। महेंद्र कडी मेहनत करता है पंरतु वह मानसिक रूप से अस्वस्थ परिवार को पेट नही पाल पाता । यहंा तक कि इस परिवार के सिर के उपर एक अदद छत भी नहंी है। किसी प्रकार से दिवार खडी करके महेदं्र ने दीवारो पर टीन शैड डाला है ताकि हाडकंपाती ठं डमें वही किसी तरह से जीवित रह सके ।

डेढ वर्ष पूर्व तत्कालीन जिलाधिकारी दिनेश चंद्रा की नजर संपूर्ण समधान दिवस मे इस परिवार पर पडी तो उनका हृदय द्रवित हो उठा। उन्होंने अपने सामने इस परिवार का आयुष्मान कार्ड व राशन कार्ड बनवाया। साथ ही अधिकारियो को इस परिवार को समाज कल्याण की सभी आवश्यक योजनाओ का लाभ दिलाने के निर्देश भी दिये। उन्होंने कहा था कि यदि यह परिवार इन योजनाओ का पात्र नहंी है तो कोई भी पात्र नहीं हो सकता। परंतु आयुष्मान कार्ड व राशन कार्ड तो उन्होने अपने सामने बनवा दिये। पंरतु उसके बाद उनके निर्देश भी इस परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना, विकलंागता प्रमाणपत्र , व विकलांग पेंशन जैसे येाजनाओ का लाभ नंही दिला पाये। समाज कल्याण का काम देख रहे अधिकारियो की आंखो पर चढी मोटी चर्बी के चलते उन्हे यह परिवार दिखायी ही नहीं देता। यही वजह है कि यह परिवार अभी भी अभाव , भूख व गरीबी के बीच जीवन की जंग लड रहा है। सभी सरकारी योजनाएं उनके द्वार तक आते आते दम तोड देती है।


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