कमलेश तिवारी: मर्डर से आरोपियों की गिरफ्तारी तक, वारदात की पूरी कहानी
- हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या का खुलासा हो गया है, हत्या की साजिश सूरत में रची गई
- वारदात में शामिल तीन संदिग्ध सूरत में पुलिस हिरासत में, जिनसे पूछताछ जारी है, मिठाई के डिब्बे से मिला सुराग
- बदमाशों ने कमलेश से उनके घर में ही बने ऑफिस में मुलाकात की और उनके साथ चाय भी पी, इसके बाद हत्या
- कमलेश की पत्नी की तरफ से दर्ज FIR के आधार पर मुफ्ती नईम काजमी और मौलाना अनवारुल हक हिरासत में
लखनऊ/सूरत
हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या का खुलासा हो गया है। हत्या की साजिश सूरत में रची गई थी। वारदात में शामिल तीन संदिग्ध सूरत में पुलिस हिरासत में हैं, जिनसे पूछताछ जारी है। शुक्रवार को लखनऊ में कमलेश से उनके घर में ही बने ऑफिस में मुलाकात की और उनके साथ चाय भी पी थी। बदमाशों के हाथ में मिठाई का डिब्बा भी था। यही मिठाई का डिब्बा पुलिस के लिए इस हत्या का खुलासा करने के लिए सबसे बड़ा हथियार बना। अब एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें गुजरात एटीएस की टीम ने छापेमारी कर तीनों संदिग्धों को हिरासत में लिया है
मिठाई लेकर ऑफिस पहुंचे, फिर कर दी हत्या
बदमाशों ने कमलेश से उनके घर में ही बने ऑफिस में मुलाकात की और उनके साथ चाय भी पी। उनके हाथ में मिठाई का डिब्बा था। उन्होंने गला रेतने से पहले कमलेश तिवारी को गोली भी मारी। इसके बाद वे वहां से फरार हो गए।
सूरत में रची गई साजिश, मिठाई के डिब्बे से मिला सुराग
मुलाकात से पहले बदमाशों ने कॉल भी की थी
कमलेश को आनन-फानन में ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। बदमाशों ने कमलेश तिवारी से मिलने से पहले उन्हें कॉल भी की थी।
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हत्या के बाद बवाल, चक्का जाम
कमलेश तिवारी की दिनदहाड़े हत्या से हड़कंप मच गया। राजधानी में विभिन्न स्थानों पर कमलेश के समर्थकों ने दुकानें बंद करवा दीं। इतना ही नहीं, कुछ जगहों पर कमलेश के समर्थकों के द्वारा चक्का जाम और तोड़फोड़ भी की गई।
जांच के लिए 3 सदस्यीय SIT बनाई गई
मामले की गंभीरता को देखते हुए यूपी सरकार ने लखनऊ के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) एस. के. भगत की अगुआई में 3 सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। लखनऊ के पुलिस अधीक्षक (अपराध) दिनेश पुरी और एसटीएफ के क्षेत्राधिकारी पीके मिश्र की टीम तुरंत जांच में जुट गई। गुजरात एटीएस से संपर्क साधा गया। मिठाई का डिब्बा सूरत जिले की जिस दुकान से संबंधित था, वहां के आस-पास की सीसीटीवी फुटेज की छानबीन शुरू की गई। यूपी पुलिस की एक टीम गुजरात के लिए रवाना हो गई।
पत्नी की तहरीर पर 2 के खिलाफ नामजद FIR
कमलेश की पत्नी किरण की तहरीर पर शुक्रवार को ही इस मामले में मुफ्ती नईम काजमी, अनवारुल हक समेत एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। किरण का आरोप है कि काजमी और हक ने वर्ष 2016 में कमलेश का सिर कलम करने पर क्रमशः 51 लाख और 1.5 करोड़ रुपए का इनाम घोषित किया था। इन्हीं लोगों ने साजिश कर उनके पति की हत्या कराई है।
मौलाना हक और काजमी भी हिरासत में
कमलेश की पत्नी की तरफ से दर्ज एफआईआर के बाद यूपी पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शुक्रवार देर रात ही मुफ्ती नईम काजमी और मौलाना अनवारुल हक को हिरासत में ले लिया।
शनिवार सुबह तीन संदिग्ध हिरासत में
शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीजीपी ने बताया, ‘सूचनाएं और सुराग मिलने के बाद शुक्रवार को ही छोटी-छोटी टीमों को गठित किया गया था। हमारी टीम ने छानबीन में पाया कि घटना के तार गुजरात से जुड़े हुए हैं। मिठाई के डिब्बे से जो सुराग मिले उसके बाद मैंने स्वयं गुजरात के डीजीपी से बात की और महत्वपूर्ण सूचनाओं को हासिल करना शुरू किया।
आरोपियों ने गुनाह कबूला
यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि इस वारदात में शामिल संदिग्धों से प्रारंभिक पूछताछ से पता चला है कि हत्या की साजिश के पीछे मुख्य वजह कमलेश तिवारी का 2015 का भड़काऊ भाषण था और मिठाई का डिब्बा आरोपियों को दबोचने में मददगार साबित हुआ। डीजीपी ने कहा कि आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है।
दो अन्य अभियुक्तों के बारे में जुटाई गई जानकारी
डीजीपी ने बताया, ‘पूछताछ और उपलब्ध तकनीकी साक्ष्यों की जांच के आधार पर दो मुख्य अभियुक्त जो कि लखनऊ में इस घटना में सम्मिलित रहे हैं, उनके बारे में यूपी पुलिस ने जानकारी हासिल कर ली है। उनकी गिरफ्तारी के लिए टीम बनाकर युद्धस्तर पर कार्रवाई की जा रही है।’
रशीद पठान है मास्टरमाइंड
डीजीपी ने रशीद पठान को वारदात का मास्टरमाइंड बताया है। रशीद पठान कंप्यूटर का जानकार है और टेलर का काम करता है, उसी ने शुरुआती प्लान बनाया था। बचे हुए जो संदिग्ध अपराधी हैं, उनकी धरपकड़ के प्रयास किए जा रहे हैं।
कमलेश तिवारी मर्डर के आरोप में तीन हिरासत में
तीन आरोपी हिरासत में