संभल में CM योगी का कड़ा सुरक्षा कवच: राहुल गांधी, सपा और टिकैत की एंट्री पर रोक
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। हिंसा प्रभावित इस जिले में न केवल बाहरी नेताओं के प्रवेश पर रोक लगाई गई है, बल्कि प्रशासन ने जिले की सीमाओं पर सुरक्षा का ऐसा घेरा बनाया है कि राजनीतिक और किसान नेताओं की कोई भी रणनीति सफल नहीं हो पा रही।
सुरक्षा में 10 कंपनियों की तैनाती
संभल में शांति बहाल करने के लिए जिलाधिकारी राजेंद्र पेंस्या ने विशेष आदेश जारी किए हैं। 10 दिसंबर तक जिले में बाहरी व्यक्तियों के आवागमन पर रोक है। एसपी के.के. बिश्नोई के अनुसार, 10 कंपनियां PAC और RAF की तैनाती के साथ रोजाना गश्त की जा रही है। उपद्रवियों के खिलाफ एनएसए के तहत कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
सपा प्रतिनिधिमंडल और कांग्रेस नेता हुए निरस्त
24 नवंबर की हिंसा के बाद समाजवादी पार्टी के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को जिले में जाने से रोका गया। पुलिस ने कई नेताओं को नजरबंद कर दिया और कुछ को बॉर्डर से वापस लौटा दिया। कांग्रेस नेता अजय राय को 2 दिसंबर को संभल जाने से रोकने के लिए लखनऊ पुलिस ने नोटिस जारी किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
राहुल-प्रियंका को गाजीपुर बॉर्डर पर रोका
4 दिसंबर को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने हिंसा पीड़ित परिवारों से मिलने की कोशिश की। हालांकि, यूपी पुलिस ने उन्हें गाजीपुर बॉर्डर पर ही रोक दिया, जिसके बाद दोनों नेता समर्थकों के साथ दिल्ली लौट गए।
राकेश टिकैत और किसान आंदोलन की आंच
दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए जा रहे किसान नेता राकेश टिकैत को मथुरा के टप्पल के पास रोका गया। टिकैत को पुलिस ने थाने ले जाकर नजरबंद कर दिया। इसके बाद थाने के बाहर किसानों की भीड़ बढ़ने लगी।
24 नवंबर की हिंसा का कारण
संभल में यह तनाव 19 नवंबर को एक अदालत के आदेश से शुरू हुआ, जिसमें हरिहर मंदिर की जगह जामा मस्जिद बनाए जाने के दावे की जांच का आदेश दिया गया। 24 नवंबर को सर्वे के दौरान दोनों पक्षों के बीच विवाद हिंसक झड़प में बदल गया। पथराव और फायरिंग में चार लोगों की मौत हुई और कई पुलिस अधिकारी घायल हुए। प्रशासन ने 3750 अज्ञात लोगों पर FIR दर्ज की और 250 उपद्रवियों के पोस्टर जारी किए।
सीएम योगी की रणनीति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुरक्षा तंत्र को मजबूत करते हुए संभल में शांति स्थापित करने की प्राथमिकता दी है। उनका “नो टॉलरेंस” रवैया प्रशासन की सख्ती में साफ झलकता है।