राहुल गांधी ने मिलवाए भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी शैलजा के हाथ, देखकर चौंक गए दोनों नेता

राहुल गांधी ने मिलवाए भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी शैलजा के हाथ, देखकर चौंक गए दोनों नेता

नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच कांग्रेस के भीतर भी उठापटक जारी है। राज्य के दो दिग्गज नेता, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा, लंबे समय से सत्ता के केंद्र बिंदु पर हैं, खासकर मुख्यमंत्री पद को लेकर। इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की विजय संकल्प रैली के दौरान एक अनोखा और दिलचस्प वाकया देखने को मिला, जिसने सभी का ध्यान खींच लिया।

राहुल गांधी ने मिलवाए दोनों के हाथ

रैली के दौरान, राहुल गांधी ने एक ऐसा कदम उठाया जिसे देखकर खुद भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा भी अचंभित रह गए। मंच पर खड़े दोनों नेताओं के बीच मतभेदों की चर्चा आम है, लेकिन राहुल गांधी ने स्थिति को हल्के-फुल्के अंदाज में निपटाते हुए दोनों के हाथ मिलवा दिए। यह दृश्य तब सामने आया जब नारायणगढ़ की रैली समाप्त हो रही थी।

राहुल गांधी ने जैसे ही दोनों नेताओं का हाथ एक-दूसरे से मिलवाया, जनता ने जोरदार तालियों से इसका स्वागत किया। हालांकि, दोनों नेताओं के चेहरे पर झिझक साफ दिखाई दे रही थी। ऐसा लग रहा था कि इस अप्रत्याशित कदम के लिए वे पूरी तरह तैयार नहीं थे, लेकिन राहुल गांधी की पहल पर उन्होंने हाथ मिलाने में संकोच नहीं किया।

जनता के बीच चर्चा का विषय

रैली में यह दृश्य कुछ ही सेकंड का था, लेकिन इसका असर काफी गहरा रहा। जनता के बीच इस कदम की खूब चर्चा हो रही है। लोग इसे कांग्रेस में एकता और समझौते की कोशिश के रूप में देख रहे हैं। हालांकि, दोनों नेताओं की भाव-भंगिमा से यह जाहिर हो रहा था कि वे इस मिलन के लिए स्वाभाविक रूप से सहज नहीं थे, लेकिन राहुल गांधी के कहने पर उन्होंने यह किया।

राहुल गांधी का हमला अडानी पर

इससे पहले, राहुल गांधी ने अपने भाषण में केंद्र सरकार और उद्योगपति अडानी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “अडानी न तो खेत में मेहनत करते हैं, न ही छोटे व्यापार करते हैं, लेकिन फिर भी उनके बैंक अकाउंट में हर सुबह पैसों की सुनामी आती है। वहीं देश के आम लोगों के खातों से पैसा तूफान की तरह निकलता जा रहा है।”

राहुल गांधी ने अपने संबोधन के दौरान देश के आर्थिक हालात और महंगाई पर भी केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि आम आदमी का जीवन मुश्किल में है, जबकि कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों के फायदे में बढ़ोतरी हो रही है।

इस रैली और हाथ मिलाने की घटना ने हरियाणा की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस के ये दोनों बड़े नेता चुनावों में किस तरह साथ आकर पार्टी की एकता को बनाए रखते हैं।


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