हरियाणा में भाजपा-जजपा सरकार, मनोहरलाल सीएम, दुष्यंत डिप्टी सीएम, आज विधायक दल की बैठक

हरियाणा में भाजपा-जजपा सरकार, मनोहरलाल सीएम, दुष्यंत डिप्टी सीएम, आज विधायक दल की बैठक

धनतेरस के अवसर पर हरियाणा में भाजपा की नई सरकार का रास्ता साफ हो गया। बहुमत से छह सीटें पीछे रही भाजपा को जजपा (10) के अलावा नौ अन्य विधायकों ने भी समर्थन दे दिया। इसके साथ ही 90 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 59 विधायकों का समर्थन मिल गया, जो बहुमत के जादुई आंकडे़ (46) से 13 ज्यादा है।

शुक्रवार शाम बातचीत फाइनल होने के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने रात 9:30 बजे भाजपा-जजपा गठबंधन का एलान किया। उन्होंने कहा, हम स्थायी सरकार देने के लिए साथ आए हैं। समझौते के तहत जजपा को उप मुख्यमंत्री समेत 3 मंत्री (दो कैबिनेट और एक राज्य मंत्री) पद मिलेगा। जजपा के दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम बनेंगे।

वहीं भाजपा शनिवार को विधायक दल की बैठक के बाद सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। चुनाव नतीजे आने के बाद से शुरू हुई सरकार बनाने की कवायद शुक्रवार को दिन भर चलती रही। अहमदाबाद से लौटे शाह ने नई दिल्ली स्थित अपने निवास पर रात नौ बजे जजपा नेताओं के साथ बैठक की। इसके बाद प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा, राज्य में भाजपा का मुख्यमंत्री होगा। उप मुख्यमंत्री जजपा का होगा।

दोनों दलों की साझेदारी में सरकार पूरे पांच साल मजबूती से चलेगी। वहीं, सीएम मनोहर लाल ने कहा, हम स्थायी सरकार देंगे। कई निर्दलीय विधायक हमें समर्थन दे रहे हैं। सरकार गठन की प्रक्रिया शनिवार से शुरू हो जाएगी।

जजपा अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला ने गठबंधन के लिए शाह को धन्यवाद देते हुए राज्य में स्थिर सरकार की बात दोहराई और कहा स्थिरता विकास के लिए बेहद जरूरी है। बैठक में मनोहर लाल, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन मंत्री और संगठन महामंत्री भी मौजूद थे।

मनोहर लाल अकेले लेंगे शपथ या मंत्रिमंडल के साथ 

मुख्यमंत्री पद की शपथ मनोहर लाल शनिवार को लेंगे या फिर दीपावली के बाद, यह राज्यपाल से मिलने के बाद तय होगा। यह भी तय होना बाकी है कि मनोहर अकेले शपथ लेंगे या उनके साथ बाकी मंत्रिमंडल भी शपथ लेगा। वैस इस बात की संभावना ज्यादा है कि शपथ ग्रहण दीपावली के बाद होगा।

जजपा चाह रही जाट, अनुसूचित जाति और ब्राह्मण का गठजोड़

बैठक में दुष्यंत चौटाला ने नारनौंद में कैप्टन अभिमन्यु को हराकर आए रामकुमार गौतम और गुहला से जीत कर आए ईश्वर सिंह को भी मंत्रिमंडल में शामिल करने की मांग की है। इसके सहारे वे जाट, अनुसूचित जाति और ब्राह्मण का संयोजन करना चाह रही है।

मंत्रियों के नाम पर भी चर्चा

बैठक में सरकार के गठन का खाका भी तैयार हुआ। इसमें यह तय हुआ कि सरकार में किस-किस को जगह देनी है। इसके अलावा मनोहर लाल नई सरकार के गठन के लिए अपनी राय दी। उन्होंने अपनी पार्टी से चुनकर आए विधायकों के नाम को आगे बढ़ाया।

विधायक दल का नेता बनवाने आएंगे केंद्रीय मंत्री

मुख्यमंत्री मनोहर लाल नवनिर्वाचित भाजपा विधायकों के साथ शनिवार को 10 बजे चंडीगढ़ में बैठक करेंगे और इसके बाद ही सरकार बनाने के लिए राज्यपाल के समक्ष दावा पेश करेंगे। मनोहर को विधायक दल का नेता बनाने के दौरान किसी तरह की असहज स्थिति न आए इसके लिए आलाकमान की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह को पर्यवेक्षक के तौर पर साथ भेजा जाएगा। पिछली सरकार में अहीरवाल के कुछ विधायकों ने विरोध किया था। इस बार ऐसी कोई स्थिति न बने, इसके लिए पहले से ही तैयारी पूरी है।

यह होगी नई सरकार की प्रक्रिया

चुनाव आयोग जीते हुए प्रत्याशियों की अधिसूचना जारी करेगा। इसके बाद पुरानी सरकार से इस्तीफा देकर मुख्यमंत्री पद के लिए मनोहर लाल राज्यपाल के सामने दावा पेश करेंगे। राज्यपाल सरकार गठन के लिए पूरे हो रहे 46 विधायकों के आंकड़े को देखने के बाद सरकार गठन की मंजूरी देंगे और नई सरकार का गठन होगा। दो नवंबर से पहले नई सरकार का गठन होना आवश्यक होगा क्योंकि पिछली विधानसभा का कार्यकाल दो नवंबर को समाप्त हो रहा है।

कांग्रेस इकलौती विपक्षी पार्टी रह जाएगी

90 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 40, जजपा के 10 और इनेलो और हरियाणा लोकहित पार्टी (हलोपा) का एक-एक और 07 निर्दलीय विधायक हैं। भाजपा का कहना है कि उसे जजपा, इनेलो और हलोप सहित सभी निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है। ऐसे में सरकार गठन के बाद विधानसभा में 31 सदस्यों वाली कांग्रेस इकलौती विपक्षी पार्टी रह जाएगी।

जेल में पिता से मुलाकात के बाद बनी बात

सूत्रों के मुताबिक भाजपा नेतृत्व निर्दलीयों के भरोसे कमजोर सरकार की जगह जजपा के साथ स्थायी सरकार बनाकर सूबे में गैर जाट और जाट बिरादरी में संतुलन साधना चाहता था। दुष्यंत ने दिन में तिहाड़ जेल में जाकर अपने पिता अजय चौटाला से भी चर्चा की।

अजय भी सरकार में शामिल होने के पक्षधर थे। इसके बाद ही जजपा कार्यकारिणी की बैठक हुई और दुष्यंत ने सरकार में शामिल होने का संकेत दिया। हालांकि, दिन में उन्होंने कहा था कि भाजपा के अलावा कांग्रेस से भी बातचीत हो रही है। हमारे लिए कोई अछूत नहीं।

अब दिल्ली के जाट वोटरों पर नजर

जजपा के साथ आने से भाजपा न सिर्फ जाट बिरादरी को सकारात्मक संदेश दे पाएगी, बल्कि इनेलो के सहारे हरियाणा में कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा की इस बिरादरी में बढ़ते प्रभाव को संतुलित कर पाएगी। विधानसभा चुनाव में भाजपा के जाट नेतृत्व का सूपड़ा साफ हो गया है। आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव को देखते हुए भी यह फैसला लिया गया है, क्योंकि दिल्ली में करीब 25 लाख जाट मतदाता हैं।

विडियों समाचार