बड़ा खुलासा: पीएसी से इंसास चोरी मामले में सिपाही निकला गुनहगार, इसलिए चुराई थी राइफल
मेरठ/खरखौदा क्षेत्र में हापुड़ रोड स्थित 44 वी वाहिनी पीएसी से इंसास राइफल की चोरी के चर्चित प्रकरण में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। चोरी करने वाला पीएसी का सिपाही निकला। इस साजिश में सिपाही ने अपना भाई भी शामिल किया था।
पुलिस ने सिपाही के भाई को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, आरोपी सिपाही इस समय सीतापुर पीएसी में तैनात बताया गया, जिसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम सीतापुर रवाना हो गई है। आरोपी सिपाही का कोई आतंकी कनेक्शन है या नहीं, इसकी जांच अभी चल रही है।
28 जून को हेड कांस्टेबल गुरुदेव सिंह के पास कॉल आई, जिसने प्रेमवीर के नाम आवंटित इंसास राइफल को अपने पास होना बताकर राइफल लौटाने के बदले तीन लाख रुपये मांगे थे।
पीएसी के दलनायक मुकेश कुमार ने हेड कांस्टेबल सहित पूरी गार्ड टीम के खिलाफ रिपोर्ट कराई थी। इंसास राइफल चोरी की गूंज लखनऊ तक गूंजी थी। कॉल करने वाले तीन लोगों को पकड़ा गया, लेकिन उनके सिर्फ मोबाइल से कॉल करने की बात सामने आई।
इंसास राइफल भी लावारिस हालत में पीएसी परिसर से ही मिली थी। मुख्य आरोपी कौन है, इसका पता लगाना पुलिस के लिये चुनौती बना है। खरखौदा पुलिस ने गंभीरता से जांच करनी शुरू की। विवेचना में खुलासा हुआ कि पीएसी में तैनात सिपाही ने राइफल चोरी कराई थी।
खरखौदा पुलिस ने गब्बर निवासी बड़ौत बागपत को पकड़ा। गब्बर का भाई फिरोज है, जो पीएसी में सिपाही है। फिरोज की ड्यूटी 44 वी वाहिनी पीएसी में थी। अब उसकी पोस्टिंग सीतापुर में है।
पुलिस के अनुसार गब्बर ने पूछताछ में बताया कि उसके भाई फिरोज ने इंसास राइफल चोरी की थी। जिसके बदले में तीन लाख लेने के लिए राहगीरों के मोबाइल से हेड कांस्टेबल को गब्बर ने कॉल की थी। उसके बाद पुलिस आरोपी सिपाही फिरोज की तलाश में सीतापुर के लिये रवाना हो गई।
पैसे के लिये चोरी की इंसास
इंसास राइफल चोरी होने पर अलग-अलग सवाल उठे थे। एक अंदेशा यह भी था कि राइफल चोरी के पीछे कोई गहरी साजिश तो नहीं है। आतंकी इनपुट से इसको जोड़ा जा रहा था।
बर्खास्त होगा सिपाही फिरोज
एसएसपी अजय साहनी का कहना कि गंभीरता से विवेचना के बाद सिपाही के बारे में जानकारी मिली है। सिपाही दोषी निकला तो उसकी बर्खास्तगी की रिपोर्ट भेजी जाएगी। सिपाही के भाई ने कॉल करना स्वीकार किया है। सभी बिंदुओं पर जांच चल रही है।