कार्यशाला में छात्र-छात्राओं को दिया बेसिक लाईफ सपोर्ट तकनीक का प्रशिक्षण

- सहारनपुर में आयोजित कार्यशाला में बेसिक लाईफ सपोर्ट तकनीक का प्रशिक्षण देते चिकित्सक।
सहारनपुर [24CN]। आर्थोपैडिक क्लब के तत्वावधान में आयोजित बेसिक लाइफ सपोर्ट तकनीक कार्यशाला में बेसिक लाईफ सपोर्ट तकनीक का प्रशिक्षण दिया गया। स्थानीय दिल्ली रोड़ दिल्ली पब्लिक स्कूल में हड्डी एवं जोड रोग सप्ताह के अन्तर्गत आयोजित कार्यशाला में आर्थोपेडिक कलब के डा. शशीकान्त सैनी, डा. के. के. मक्कड़ व डा. गिरिश डंग ने छात्र-छात्राओं को जानकारी देते हुए बताया कि सड़क दुर्घटना होने पर मरीज को पहले सुरक्षित स्थान पर ले जायें, उसके बाद एबीसीडी नियम का पालन करें।
ए से एयर अर्थात घायल की साँस की नली को साफ करना है, नाक व मुंह में फसे हुए किसी पदार्थ या ढलड़ को निकालना है। यदि मरीज की जीब पीछे की और पलट गयी है या फँसी है तो हाथ की दो अंगुलियों से खींचकर आगे कर देना है, बी से ब्रीदिंग की जांच करनी है। पीडि़त की साँस चल रही है या नहीं, यह देखना है। सी से सर्कुलेशन यानि शरीर में देखना है। हाथ या पैर से खून बह रहा, खून की नसों में संचार देखना है तो इसे कपड़े से बाँधकर या दवाकर खून के रिसाव को रोकता है। डी से डिसेबिलिटी अर्थात घन पैर में फ्रैक्चर होने पर किसी सीधी वस्तु जैसे लकडी, कार्डबोर्ड, दफ्ती से सीधा कर के बाँध देना चाहिये। यदि दिल की धड़कन बंद है तो सी पी आर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) कैसे करता है, की जानकारी दी गई।।
इस प्रकार उन प्रतिशत दुर्घटनग्रस्त लोगों की जान बचायी जा सकती है, जिनकी मौत अस्पताल पहुँचने से पहले ही हो जाती है। इस अवसर पर सीओ-2 प्रीति यादव ने भी अपने विचार रखें तथा बेसिक लाइफ सपोर्ट की ट्रैनिंग हर आम नागरिक को देने तथा स्कूल के पाठ्यक्रम में जोडऩे की सिफारिश की, छात्र-छात्राओं ने भी बड़े उत्साह के साथ कार्यक्रम में भाग लिया और आर्थोपेडिक क्लब के सभी डॉक्टरों का आभार व्यक्त किया, छात्र-छात्राओं ने भी एक्सीडेंट में घयाल लोगों की जान बचाने का संकल्प लिया। इस मौके पर स्कूल प्रिंसिपल श्रीमती आदेश सिसोदिया, मैनेजर अहमद जावेद, कॉर्डिनेटर रमन दीप सहित स्कूल स्टाफ व छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।