तालिबान का असर… मां दुर्गा की पूजा नहीं करने दे रहे बांग्लादेशी कट्टरपंथी

तालिबान का असर… मां दुर्गा की पूजा नहीं करने दे रहे बांग्लादेशी कट्टरपंथी
  • बांग्लादेश की कट्टरपंथी ताकतें हिंदू समुदाय को दुर्गा पूजा करने से रोकने का प्रयास कर रही हैं. टीपू सुल्तान रोड पर मौजूद दुर्गा मंदिर में हिंदुओं को स्थानीय मुस्लिम दबंगों ने नवरात्रि की पूजा करने से रोका है.

ढाका: अफगानिस्तान में तालिबान सरकार की वापसी के साथ ही खुफिया सूत्रों ने बांग्लादेश को लेकर चेतावनी जारी की थी. खुफिया सूत्रों का कहना था कि बांग्लादेश में जमात-ए-मुजाहिदीन बांग्लादेश तालिबान की सरपरस्ती में सिर उठा सकता है. इस आशंका को बल मिल रहा है नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के पंडालों में की गई तोड़-फोड़ से. बांग्लादेश की कट्टरपंथी ताकतें हिंदू समुदाय को दुर्गा पूजा करने से रोकने का प्रयास कर रही हैं. टीपू सुल्तान रोड पर मौजूद दुर्गा मंदिर में हिंदुओं को स्थानीय मुस्लिम दबंगों ने नवरात्रि की पूजा करने से रोका है. बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल ने दावा किया है कि स्थानीय इस्लामी चरमपंथियों ने नवरात्रि के दौरान शंखनिधि मंदिर में हिंदू श्रद्धालुओं को मां दुर्गा की पूजा नहीं करने दी. हालांकि सरकार ने दुर्गा पूजा के लिए हिंदुओं को एक अस्थायी जगह प्रदान की है. अधिकारियों ने इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए प्रमुख पंडालों के बाहर अर्धसैनिक बलों को तैनात किया है और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है.

सोशल मीडिया पर अफवाहें फैला भड़का रहे माहौल
स्थानीय अधिकारियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक बीएनपी और जमात-ए-इस्लाम के कुछ बदमाशों ने ननुयार दिघीर पर मंदिर में दुर्गा पंथ में गणेश के चरणों में पवित्र कुरान की एक प्रति लगाई. अराजक तत्वों ने इसकी कुछ तस्वीरें लीं और भाग गए. कुछ ही घंटों में फेसबुक का इस्तेमाल कर भड़काऊ तस्वीरों के साथ प्रचार जंगल की आग की तरह फैल गया. इसके बाद गुस्साई भीड़ ने पूजा पंडालों और मंदिर में तोड़फोड़ की. सत्ताधारी अवामी लीग के कार्यकर्ता पुलिस के साथ दुर्गा पूजा पंडालों और मंदिरों की घेराबंदी करने के लिए हरकत में आए. बाद में कोमिला शहर और जिले के अन्य संवेदनशील क्षेत्रों और क्षेत्र में अन्य जगहों पर सुरक्षा बलों की अधिक इकाइयां तैनात की गईं.

पहले भी होते आए हैं हिंदुओं पर हमले 
हालांकि हिंदुओं ने स्थानीय मुस्लिमों के इस हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया. उन्होंने अपने हाथों में प्ले-कार्ड ले रखे थे. बीएचयूसी ने एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें हिंदू मजबूरी में सड़क पर ही पूजा करते नजर आ रहे हैं. अब मंदिर पर हमले की वजह से अस्थायी सरकारी जगह पर पूजा हो रही है. इसके बाद एक आपातकालीन नोटिस में धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने कहा कि खबर मिली है कि कोमिला में धार्मिक पाठ का ‘अपमान’ किया गया था, लेकिन जनता से कानून को अपने हाथ में नहीं लेने का आग्रह किया और धार्मिक सद्भाव और शांति बनाए रखने की अपील दोहराई. गौरतलब है कि इससे पहले चटगांव के फिरंगी बाजार इलाके में इस्लामी चरमपंथियों ने श्री शमशानेश्वर शिव विग्रह मंदिर की दुर्गा प्रतिमा को तोड़ दिया.

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