स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस विक्रांत की एक और उपलब्धि, चीन-पाकिस्तान की नींद उडी
नई दिल्ली: सबसे अत्याधुनिक स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत ने के और उपलब्धि हासिल कर ली है। इस उपलब्धि से चीन व पाकिस्तान की रातों की नींद उड गई है। 24 मई को युद्धपोत पर लड़ाकू विमान मिग-29 की रात में लैंडिंग करायी गई। यह एक परीक्षण था जो पूरी तरह सफल रहा। रात में युद्धपोत पर लड़ाकू विमानों की लैंडिंग युद्धपोत को आपात हालातों में जल्द तैयार होने की क्षमता को बढ़ता है।
दरअसल में आईएनएस विक्रांत जल्द से जल्द ‘युद्ध के लिए तैयार’ स्थिति प्राप्त करने के लिए रोटरी विंग और फिक्स्ड विंग विमान के साथ हवाई प्रमाणन व उड़ान एकीकरण परीक्षण कर रहा है। इन परीक्षणों के हिस्से के तहत मिग-29 के और स्वदेशी एलसीए (नौसेना) की पहली लैंडिंग 6 फरवरी, 2023 को हुई थी और इसके बाद से नौसेना सूची में सभी हेलीकाप्टरों के दिन और रात में लैंडिंग परीक्षणों में प्रगति हुई है। उड्डयन परीक्षणों की गति को जारी रखते हुए नौसेना ने 24 मई, 2023 को मिग-29के की पहली बार रात में लैंडिंग करके एक और ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त की है। पहली लैंडिंग के तीन महीने के भीतर यह चुनौतीपूर्ण उपलब्धि भारतीय नौसेना, विक्रांत चालक दल और नौसेना पायलटों के संकल्प, कौशल और पेशेवर क्षमता को प्रदर्शित करती है।
4 अगस्त, 2021 को अपनी पहली यात्रा के बाद व्यापक समुद्री परीक्षणों को पूरा किया है। इसका निर्माण मैसर्स कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने किया था। माननीय प्रधानमंत्री की उपस्थिति में 2 सितंबर, 2022 को भारतीय नौसेना में इसे शामिल किया गया था। यह विमानवाहक पोत भारत सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सोच को प्राप्त करने को लेकर एक बड़ा प्रोत्साहन है।