नई दिल्ली: भारत के दुग्ध सहकारी क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को ‘श्वेत क्रांति 2.0’ की शुरुआत की। इस पहल का उद्देश्य महिला किसानों को सशक्त बनाना, रोजगार के अवसर बढ़ाना, और दूध उत्पादन में वृद्धि करना है। अमित शाह ने इसे डेयरी उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सहकारिता क्षेत्र को मजबूती देगा।
डेयरी क्षेत्र में चार प्रमुख क्षेत्रों पर फोकस
नई दिल्ली में आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन में अमित शाह ने सहकारिता मंत्रालय की सौ दिन की कई परिवर्तनकारी पहलों का उद्घाटन किया। उन्होंने इस दौरान चार मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया:
- महिला किसानों को सशक्त बनाना
- दूध उत्पादन में वृद्धि
- डेयरी बुनियादी ढांचे को मजबूत करना
- दुग्ध निर्यात को प्रोत्साहित करना
गो-पालकों की आय में होगी वृद्धि
अमित शाह ने इस अवसर पर दो लाख नए प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स), डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों के गठन की प्रक्रिया की शुरुआत की। उन्होंने यह भी कहा कि एक लाख नई और मौजूदा जिला सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा। इससे डेयरी उद्योग में काम करने वाले किसानों और गो-पालकों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
दूध उत्पादन में भारत बना विश्व का अग्रणी
अमित शाह ने बताया कि डेयरी क्षेत्र में महिलाओं का बड़ा योगदान है, जिसमें केवल गुजरात में ही 60 हजार करोड़ रुपये का कारोबार हो रहा है। ‘श्वेत क्रांति 2.0’ के तहत, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) इस पहल को वित्तीय सहायता देगा और एक हजार पैक्सों को 40 हजार रुपये प्रति पैक्स की सहायता प्रदान की जाएगी। इस कदम से डेयरी उद्योग को व्यापक बूस्ट मिलेगा और भारत दूध उत्पादन में अपनी अग्रणी स्थिति को और मजबूत करेगा।
किसानों की आय में होगी वृद्धि
अमित शाह ने बताया कि ‘श्वेत क्रांति 2.0’ से न केवल दूध उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि किसानों की आय भी बढ़ेगी। मोदी सरकार द्वारा सहकारिता मंत्रालय की स्थापना से ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की गति को बल मिला है। यह पहल सहकारी क्षेत्र को पुनर्जीवित करने और गांवों में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने भी इस अवसर पर कहा कि ‘श्वेत क्रांति 2.0’ के माध्यम से देश के किसान और पशुपालक वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी और उनकी आय में बढ़ोतरी होगी।
डेयरी सेक्टर में व्यापक बदलाव
यह पहल न केवल भारत के डेयरी सेक्टर में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने का प्रयास है, बल्कि इसके जरिए सहकारिता के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत किया जाएगा। दूध उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ-साथ, इस क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं और किसानों को भी बड़े पैमाने पर लाभ होगा।