ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक रिहा, 20 महीने बाद खत्म हुई नजरबंदी
![ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक रिहा, 20 महीने बाद खत्म हुई नजरबंदी](https://24city.news/wp-content/uploads/2021/03/04_03_2021-umar-farooq_21427684.jpg)
जम्मू । कश्मीर घाटी में लगातार सुधर रहे हालात को मद्देनजर रखते हुए आखिकरार आज केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की सरकार ने ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी गुट के चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक की नजरबंदी समाप्त कर, उन्हें रिहा कर दिया है। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लागू किए जाने के मद्देनजर प्रशासन ने एहितयात के तौर पर मौलवी उमर फारूक को 5 अगस्त 2019 को नजरबंद कर दिया था।
मीरवाइज उमर फारूक 20 महीनों के बाद नजरबंद से आज रिहा होने के उपरांत अब कल नमाज-ए-जुम्मा अदा करने एतिहासिक जामिया मस्जिद भी जा सकते हैं। मीरवाइज ने अगस्त 2019 के उपरांत से अपने घर के बाहर किसी भी सार्वजनिक, सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में भाग नहीं लिया है। बावजूद इसके वह हुर्रियत नेताओं के साथ बैठकों का आयोजन करते रहे हैं। हालांकि बुधवार को ही मीरवाइज की रिहाई को लेकर दावा किया जा रहा था लेकिन उनके करीबियों का कहना था कि मीरवाइज के नागीन स्थित घर के बाहर पुलिस की गाड़ियां तैनात थी।
महबूबा ने ट्वीट कर मीरवाइज की नजरबंदा का स्वागत किया
उधर पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर मीरवाइज की नजरबंदी समाप्त करने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि मीरवाइज की नजरबंदी खत्म होने के बात सुनकर उन्हें अच्छा लगा है। अब उम्मीद है कि जम्मू कश्मीर के बाहर जेलों में बंद सैकड़ों कश्मीरियों की भी रिहाई जल्द कर दी जाएगी।
मीरवाइज की रिहाई भारत और पाकिस्तान के उस संयुक्त ब्यान की एक कड़ी माना जा रहा है जिसमें दोनों देशों ने सीमा संघर्ष विराम के समझौते का सख्ती से पालन करने का वादा किया था। यहां यह बताना जरूरी है कि 5 अगस्त 2019 को जब जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त किया गया तो उस समय पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला सहित करीब 400 अलगाववादी नेताओं को भी नजरबंद किया गया था। इनमें से अधिकतर अब तक रिहा किए जा चुके हैं।