हथिनी कुंड बैराज से छोडा गया 8 लाख 25 हजार क्युसैक पानी
नकुड क्षेत्र में बाढ से भारी तबाही होने की आंशका
नकुड [इंद्रेश]। बीती रात से लगातार हो रही बारिश व हथिनी कुंड बैराज से आठ लाख पच्चीस हजार क्युसेक पानी छोडे जाने के बाद यमुना ने रोद्र रूप धारण कर लिया है। यमुना को पानी तटसीमा को लांघकर बाहर निकलने लगा है। जिससे तहसील क्षेत्र में बाढ का खतरा मंडराने लगा हैं।
बताया जाता है कि दुपहर बाद हथिनी कुंड बैराज पानी को स्तर बढने के बाद सात लाख क्युसैक पानी छोडा गया है। जिसके बाद यमुना ने रोद्र रूप धारण कर लिया है। यमुना का जलस्तर बढ गया है। बताया जाता है कि सरसावा क्षेत्र में चौरी व दुमझेडा मे दो व्यक्ति यमुना में डूबने की खबर है। दुमझेडा निवासी इकराम पुत्र बशीर के यमुना में डुबने का समाचार है। गोताखोर उनकी तलाश कर रहे है। चोरी में व बैंगनी के पास यमुना का पानी चिलकाना रोड को पार कर आबादी की ओर बढ रहा है।
बैराज से छोडा गया पानी रात आठ से नौ बजे तक नकुड तहसील क्षेत्र में आ जायेगा। तब बाढ की स्थिति बेहद नाजुक होगी। सिंचायी विभाग के अधिशासी अभियंता राधेश्याम प्रसाद ने बताया कि उन्होंने टाबर में यमुना के तटबंध का दौरा किया है। अभी तक तटबंध ठीक है। पंरतु यमुना में छोडा गया पानी यंहा तक पंहुचने में चार घंटे लगेगे। बताया कि स्थिति पर कडी नजर रखी जा रही है।
उधर बाढ से प्रभावित टाबर नुसल्लागढ, रेतगढ, बाधी, फतेहपुर जट आदि गांव में आबादी के निचले क्षेत्र मेब ने मकानों को खाली करवा लिया गया है। एसडीएम पीएस राणा ने बताया कि सरसावा में डीसी जैन इंटर कालेज व नकुड में केएलजीएम इंटर कालेज में बाढ से प्रभावित होने वाले लोगों के लिये शरणार्थि शिविर बनाये गये है। प्रभावित गांवों के निवासियों को गांव खाली कर सुरक्षित स्थानों पर पंहुचने के लिये कहा गया है। बाढ राहत केंद्रों पर 25 से 30 कमरो को खुलवाया गया है। साथ ही वंहा शौचालयो की व्यवस्था भी की गयी है। उन्होंने बताया कि यमुना की बाढ की स्थिति पर कडी नजर रखी जा रही हैं। माना जा रहा है कि सुबह तक बाढ का पानी नकुड कस्बे तक पंहुच सकता है। ऐसे में क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांव प्रभावित होगे।
यह भी पढ़े >> रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का बड़ा बयान, अगर पाक से बातचीत होगी तो सिर्फ पीओके पर