नई दिल्ली। आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में भारतीय कुशल कामगारों को इजरायल में अस्थाई तौर पर नौकरी मिलने की राह खुल गई है। मंगलवार को दोनो देशों के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुआ है, जिससे शुरुआत में ही 42,000 भारतीय कामगार इजरायल में निर्माण और नर्सिंग के क्षेत्र में काम करने का मौका मिलेगा।

उम्मीद है कि भारत से कामगारों को जोड़ने से इजराइल में रहने की बढ़ती समस्या से निपटने में मदद मिलेगी और नर्सिंग देखभाल के लिए इंतजार कर रहे हजारों परिवारों को मदद मिलेगी।

PM मोदी से मिले एलि कोहेन

इजरायल की तरफ से बताया गया है कि 34 हजार श्रमिकों को निर्माण क्षेत्र में और अन्य आठ हजार को नर्सिंग जरूरतों के लिए लगाया जाएगा। भारत के दौरे पर पहुंचे एलि कोहेन ने मंगलवार को पीएम नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ अलग-अलग मुलाकात की।

भारतीय नेताओं के साथ उनकी वार्ता में दोनो देशों ने मौजूदा द्विपक्षीय रिश्तों की विस्तार से समीक्षा की है और रणनीतिक रिश्तों को ज्यादा प्रगाढ़ बनाने के उपायों पर बात की है। इस क्रम में ही भारतीय मजदूरों को इजरायल में अस्थाई रोजगार देने से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर हुआ है। इसका आगे काफी विस्तार हो सकता है।

इजरायल चाहता है मुक्त व्यापार समझौता

अपनी मुलाकात के दौरान इजरायल के विदेश मंत्री भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) करने को लेकर काफी वकालत की। जबकि रक्षा मंत्री सिंह ने कोहेन के माध्यम से इजरायल की रक्षा कंपनियों को भारत में निवेश बढ़ाने व संयुक्त निर्माण शुरू करने की पेशकश की है। उनके एफटीए संबंधी प्रस्ताव को लेकर भारत का रूख काफी सकारात्मक है।

कोहेन के साथ बैठक के बारे में जयशंकर ने बताया कि हमने आई2यू2 (भारत, इजरायल, यूएई व अमेरिका का संगठन) में प्रगति और बहुपक्षीय मंचों में परस्पर सहयोग का उल्लेख किया। हमारे पड़ोसी क्षेत्रों, यूक्रेन और इंडो-पैसिफिक पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया है। हमने मोबिलिटी के क्षेत्र में भी समझौते किये हैं।

इजरायल के विदेश मंत्री ने इंडिया इजरायल बिजनेस फोरम की बैठक को संबोधित करते हुए भारत को पश्चिमी देशों के लिए पूर्व का रास्ता करार दिया और कहा कि दोनों देशों में आपसी कारोबार को बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं। आज हमने जो फैसले किये हैं उससे मुक्त व्यापार समझौता की राह खुलेगी और दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होगा।

अभी दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार तकरीबन नौ अरब डालर (रक्षा क्षेत्र के अलावा) का है जो इजरायल के विदेश मंत्री के अनुसार, बहुत ही जल्द 20 अरब डालर का हो सकता है। इजरायल के विदेश मंत्री तीन दिन के दौरे पर आये थे लेकिन अपने देश की कुछ आपातकालीन गतिविधियों का हवाला देते हुए उन्होंने अपने दौरे को संक्षिप्त करने का एलान किया है।