नेवी के लिए 25 हजार करोड़ रुपये की चॉपर डील की रेस में टाटा, अडानी समेत 4 भारतीय कंपनियां

नेवी के लिए 25 हजार करोड़ रुपये की चॉपर डील की रेस में टाटा, अडानी समेत 4 भारतीय कंपनियां
हाइलाइट्स
  • नेवी के लिए 25 हजार करोड़ रुपये में स्वदेशी हेलिकॉप्टरों को बनाने की डील की रेस में 4 भारतीय कंपनियां
  • टाटा, अडानी, महिंद्रा डिफेंस सिस्टम और भारत फोर्ज स्ट्रैटिजिक पार्टनरशिप के लिए शॉर्टलिस्ट हुईं
  • स्ट्रैटिजिक पार्टनरशिप प्रॉजेक्ट के तहत विदेशी और भारतीय कंपनियां मिलकर बनाएंगी 111 हेलिकॉप्टर
  • नेवी अब शॉर्टलिस्ट नामों को सरकार की मंजूरी के लिए डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल के पास भेजेगी

नई दिल्ली
इंडियन नेवी के लिए 25,000 करोड़ रुपये की चॉपर्स की डील की रेस में 4 भारतीय कंपनियां टाटा, अडानी, महिंद्रा डिफेंस सिस्टम और भारत फोर्ज शार्टलिस्ट हुई हैं। डील के तहत 111 स्वदेशी नवल यूटिलिटी चॉपर्स का निर्माण होना है।

नरेंद्र मोदी सरकार स्वदेशी रक्षा उपकरणों के विकास के लिए स्ट्रैटिजिक पार्टनरशिप पॉलिसी के तहत पहला प्रॉजेक्ट 111 हल्के हेलिकॉप्टरों के निर्माण का रखा है। इनका निर्माण भारतीय और विदेशी कंपनियों के जॉइंट वेंचर के जरिए देश के भीतर होना है।

नेवी से जुड़े सूत्रों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया, ‘इन 4 भारतीय कंपनियों को अब ऑरिजिनल इक्विपमेंट बनाने वाली विदेशी कंपनियों से साझेदारी करनी होगी। विदेशी कंपनियों में यूरोपियन एयरबस हेलिकॉप्टर, अमेरिका की सिकोरस्काइ-लॉकहीड मार्टिन और रूसी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट शामिल हैं।’

नेवी अब इस महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट के लिए शॉर्टलिस्ट की गईं भारतीय और विदेशी कंपनियों के नाम को डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल के पास सरकार की मंजूरी के लिए ले जाएगी। इसके बाद यह प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।

सूत्रों ने बताया कि कुल 8 भारतीय कंपनियों ने इस प्रॉजेक्ट में स्ट्रैटिजिक पार्टनर बनने के लिए रुचि दिखाई थी। इसमें एक पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग भी शामिल थी। हालांकि सिर्फ 4 भारतीय कंपनियों को शॉर्टलिस्ट हुआ। इस प्रॉजेक्ट के तहत बनने वाले हेलिकॉप्टर नेवी के चीता/चेतक हेलिकॉप्टरों के बेड़े की जगह लेंगे।

स्ट्रैटिजिक पार्टनरशिप मॉडल की पहली बार पेशकश दिवंगत मनोहर पर्रिकर ने की थी जब वे रक्षा मंत्री थे। हालांकि, इस मॉडल ने बाद में निर्मला सीतारमण के रक्षा मंत्री रहते आकार लिया।

स्ट्रैटिजिक पार्टनरशिप मॉडल के तहत भारतीय और विदेशी कंपनियों में साझेदारी के जरिए भारत में आधुनिक रक्षा उत्पादन संयंत्रों की स्थापना है। प्रॉजेक्ट के तहत पहले 16 हेलिकॉप्टर तो विदेश में बनेंगे लेकिन बाकी 95 हेलिकॉप्टर चुने गए स्ट्रैटिजिक पार्टनर के जरिए भारत में ही बनेंगे।

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