CM योगी आदित्यनाथ बोले- UP में ऑक्सीजन, बेड और दवाओं की किल्लत नहीं; रची जा रही साजिश
- CM Yogi Adityanath on COVID-19 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामचरित मानस की चौपाई… धीरज धर्म मित्र अरु नारी। आपद काल परिखिअहिं चारी…से बात प्रारंभ करते हुए संदेश दिया कि यह भी तो एक आपदाकाल है महामारी है।इसे सामान्य वायरल फीवर भर मान लेना भारी भूल होगी।
लखनऊ । कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद भी सीएम योगी आदित्यनाथ का हौसला बेहद बुलंद है और वह लगातार 16 से 18 घंटे अभी भी काम कर रहे हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण होम आइसोलेशन में रहकर कोविड प्रबंधन संभाल रहे मुख्यमंत्री ने शनिवार को समाचार पत्रों के संपादकों के हर सवाल का जवाब दिया और उनके सुझावों पर अमल करने का आश्वासन भी दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामचरित मानस की चौपाई… धीरज धर्म मित्र अरु नारी। आपद काल परिखिअहिं चारी…से बात प्रारंभ करते हुए संदेश दिया कि यह भी तो एक आपदाकाल है, महामारी है। इसे सामान्य वायरल फीवर भर मान लेना भारी भूल होगी। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैं खुद इसकी चपेट में हूं। 13 अप्रैल से ही आइसोलेशन में रहते हुए कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर रहा हूं।
संक्रमितों की भर्ती, बेड के साथ ही साथ ऑक्सीजन की किल्लत से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की स्थिति की समीक्षा करते हुए हमें यहां की आबादी व जनसांख्यकीय विविधता को भी देखना होगा। इस बार की लहर पिछली बार की तुलना में लगभग 30 गुना अधिक संक्रामक है। इस तथ्य को समझते हुए प्रदेश सरकार संक्रमितों के बेहतर इलाज के लिए सभी जरूरी इंतजाम कर रही है।
टेस्टिंग और ट्रेसिंग से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की तैयारी पहले से बेहतर है। पिछले दिनों दिल्ली में लॉकडाउन की घोषणा हुई, तो रातों-रात एक से डेढ़ लाख प्रवासी श्रमिकों का आगमन हुआ। हमने बसें लगाई और व्यवस्था की। सभी का टेस्ट कराया और आवश्यकतानुसार क्वारंटीन किया। यह सारी कार्यवाही त्वरित थी। इसका कोई प्रचार-प्रसार नहीं किया गया।
दवा और इंजेक्शन की कालाबाजारी से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि रेमडेसिविर और कई दवाओं का अभाव नहीं है। अज्ञानतावश अथवा अनावश्यक भय से लोगों ने इसकी खरीद की है। दवाओं की कालाबाजारी और नकली दवा बेचने के मामलों में हमने सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है।
बढ़ रही स्वस्थ होने वालों की संख्या: मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते तीन दिन से लखनऊ में नए संक्रमित केस की तुलना में स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या अधिक है। लखनऊ में 5461 लोग संक्रमित हुए तो 5799 ठीक भी हुए। प्रयागराज में 1468 संक्रमित तो 1754 ठीक होकर घर गए तो वाराणसी में 2786 संक्रमित हुए और 2020 डिस्चार्जं हुए। कहीं पर बेड का अभाव नहीं होना है। इसकी हर दिन समीक्षा की जा रही है।
पिछली बार के मुकाबले संसाधन अधिक: मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते वर्ष फरवरी में जब प्रदेश में पहला केस आया था, तब हमारे पास कोई संसाधन नहीं थे। पहले दिन मात्र 72 टेस्ट हो सके थे आज हर दिन सवा दो लाख टेस्ट हो रहे हैं। हर प्रयोगशाला को अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध करा दिए गए हैं। अब इसी 10 मई तक हमारी टेस्टिंग कैपिसिटी आज की तुलना में दोगुनी हो जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेड की क्षमता के विस्तार को लेकर सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। अकेले लखनऊ में केजीएमयू और बलरामपुर हॉस्पिटल के साथ-साथ एरा, इंटीग्रल, प्रसाद, हिंद, मेयो और सक्सेना सहित अनेक निजी मेडिकल कॉलेजों को डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के रूप में परिवॢतत किया है। अस्पतालों में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर आदि की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसी प्रकार की व्यवस्था जिलों में भी लागू की गई है। लखनऊ में हर बड़े हॉस्पिटल के लिए पृथक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। बिना भेदभाव के सभी को बेड उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
अधिक वसूली पर कार्रवाई तय: निजी अस्पतालों की मनमानी से जुड़े सवाल पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि टेस्ट हो या ट्रीटमेंट, राज्य सरकार ने सभी के लिए शुल्क की दरें तय कर दी हैं। इससे अधिक शुल्क लेने पर महामारी एक्ट के अंतर्गत कार्रवाई होनी तय है। इसे प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। उन्होंने बताया कि 36 जिलों में एक भी वेंटिलेटर नहीं था। आज हर जिले में वेंटिलेटर है, ऑक्सीजन प्लांट हैं। हम पहले राज्य हैं, जिसने चार करोड़ टेस्ट किया है। यह हमारी सतर्कता और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
यूपी में फ्री वैक्सीनेशन फॉर ऑल: वैक्सीनेशन से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि फ्री वैक्सीनेशन फॉर ऑल का निर्णय लेने वाला पहला राज्य उत्तर प्रदेश है। करीब 8000 केंद्र बनाए गए हैं, एक दिन में करीब साढ़े छह लाख लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। सभी केंद्रों पर प्रतीक्षालय हैं। आवश्यकतानुसार चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। एक मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को नि:शुल्क टीका लगाया जाना है, वित्तमंत्री की अध्यक्षता में गठित एक विशेष कमेटी ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। 16 जनवरी से जब टीकाकरण प्रारम्भ हुआ, तबसे हमने लगातार वैक्सीन की कोल्ड चेन को मेंटेन किया है। साथ ही वेस्टेज को रोकने में सफलता पाई है। वैक्सीनेशन का यह नया चरण भी अपने उद्देश्यों में जरूर सफल होगा
कुछ लोग भय और दहशत का माहौल बनने में जुटे: प्रदेश में भय के वातावरण पर उन्होंने कहा कि कुछ लोग भय और दहशत का माहौल बनाने में लगे हैं। इंटरनेट मीडिया पर एक जैसे संदेश अलग-अलग एकाउंट से प्रसारित किए जा रहे हैं। इन लोगों को चिन्हित करने की जरूरत है। प्रबुद्ध वर्ग से इसमें सहयोग की अपेक्षा है। इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर का हमारा अभिनव प्रयोग आज देश के विभिन्न राज्य अपना रहे हैं। सभी जिलों में प्रशिक्षित मानव संसाधन हैं।
कुंभ मेले की याद दिलाई: सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोविड की पिछली लहर के समय मीडिया की ओर से सकारात्मक सहयोग मिला। उस समय मीडिया ने लोगों को जागरूक और शिक्षित करने की दिशा में बेहतर कार्य किया। इसी तरह पहली लहर में स्वस्थ हो रहे लोगों के साक्षात्कार प्रसारित किए गए, इससे समाज में सकारात्मक संदेश गया। मीडिया से इसी भूमिका के निर्वहन की अपेक्षा है।
टीकाकरण के बाद संक्रमण गंभीर नहीं: मुख्यमंत्री ने संजय पीजीआइ लखनऊ के निदेशक और उनकी पत्नी का उदाहरण देते हुए कहा कि दोनों डोज लेने के बाद होने वाला संक्रमण बहुत माइल्ड होता है। टीके को लेकर कोई संदेह नहीं होना चाहिए। उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश मे एक करोड़ पंद्रह लाख लोगों को टीका लग चुका है।
अस्पताल ने पहले बोर्ड लटकाया फिर माफी मांगी: आक्सीजन की किल्लत पर अफवाहों का उदाहरण देते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोमतीनगर के एक निजी अस्पताल ने आक्सीजन की कमी का बोर्ड लगाकर भर्ती बंद कर दी। जानकारी मिलने पर जब वहां पर अधिकारी को भेजा गया तो हकीकत सामने आई, अस्पताल का झूठ सामने आ गया और उसने बोर्ड हटाकर माफी मांगी।
बेड के आंकड़े: मुख्यमंत्री ने बताया कि इस समय प्रदेश में एल वन श्रेणी में एक लाख बेड हमारे पास हैं। इसके अलावा एल टू श्रेणी में आक्सीजन युक्त 25000 बेड 120 अस्पतालों में हैं और एल थ्री श्रेणी के 222 अस्पतालों में 25700 बेड वेंटिलेटर युक्त हैं।