कामना हत्याकांडः पति ने प्लानिंग के तहत इस तरह करवाई पत्नी की हत्या, जिसने सुना सकते में आ गया
बुटीक संचालिका कामना रोहिल्ला की हत्या उसी के पति अशोक उर्फ कपिल रोहिल्ला ने अवैध रिश्तों के शक में सुपारी देकर कराई थी। पुलिस ने अशोक के सरधना निवासी दोस्त और उसके छोटे भाई को गिरफ्तार कर हत्याकांड का खुलासा कर दिया।
साथ ही यह भी खुलासा हुआ है कि अशोक जिस रिंकू नाम के रिश्तेदार पर हत्या का आरोप लगा रहा था, उसकी वह नवंबर में ही हत्या करा चुका है। उसके शव को राजस्थान के जंगल में फेंक दिया गया था। दोनों हत्याएं अशोक ने दो लाख रुपये की सुपारी देकर कराई थी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अरुण मोहन जोशी ने बताया कि पुलिस ने कई दिन की भागदौड़ के बाद माता मंदिर रोड पर हुई कामना रोहिल्ला की हत्या की गुत्थी सुलझा दी है। कामना की हत्या के दौरान पेट में गोली लगने से घायल पति अशोक की कहानी पर पुलिस को शुरू से ही शक था।
इस नंबर की लोकेशन घटना और घटना से एक दिन पहले शहर में थी। घटना के बाद से यह नंबर स्विच ऑफ था। सुबूत जुटाने के बाद एसओ नेहरू कालोनी दिलबर नेगी ने मेरठ के सरधना रोड से अशोक के दोस्त दीपक शर्मा और उसके भाई गौरव उर्फ गोलू शर्मा को हिरासत में लिया। ना-नकुर के बाद दोनों भाइयों ने कामना की हत्या की बात स्वीकार कर ली।
सोते समय कामना रोहिल्ला को गोली मारी
इसके बाद तय साजिश के तहत अशोक के पेट में गोली मारी गई, ताकि किसी को शक न हो। इसके बाद गौरव डीवीआर लेकर कार से सरधना चला गया था। हत्या में प्रयुक्त पिस्टल अशोक ने अपने पास रख लिया था। गौरव की निशानदेही पर डीवीआर और 15 हजार रुपये बरामद किए गए हैं। कामना की हत्या करने के बाद गौरव 30 हजार रुपये लेकर गया था। इनमें से 15 हजार रुपये वह खर्च कर चुका है। एसपी सिटी श्वेता चौबे और सीओ डालनवाला जया बलूनी इस दौरान मौजूद रहीं।
पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बुटीक संचालिका हत्याकांड का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 10 हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है। आईजी अजय रौतेला ने पांच हजार और एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने ढाई हजार रुपये का पुरस्कार देने की बात कही है।
एक साल से रची जा रही साजिश एक हफ्ते में तार-तार
कामना की हत्या की पटकथा पिछले साल अक्तूबर में लिख दी गई थी। अशोक पत्नी कामना से छुटकारा चाहता था। अशोक ने पहले अपने रिश्तेदार रिंकू से कामना की हत्या कराने की सोची थी। एसपी सिटी श्वेता चौबे के मुताबिक रिंकू पर भरोसा नहीं हुआ तो उसने सरधना निवासी बचपन के दोस्त दीपक शर्मा से बात की और वह तैयार हो गया। दोनों तय किया कि कामना से पहले रिंकू की हत्या की जाए और पुलिस को उलझाने के लिए रिंकू पर इल्जाम लगाया जाए। आरोपियों ने यही किया।
एक मोबाइल नंबर के आधार पर हुआ खुलासा
पुलिस को सीसीटीवी के डीवीआर को पेंच खोलकर ले जाने की बात पर ही शक हो गया था। रिंकू से जुड़े 43 लोगों से पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि अक्तूबर 2018 के बाद किसी की उससे बात नहीं हुई है। प्रेम-प्रसंग से जुड़े कई प्रकरण सामने आने के बाद पुलिस का शक अशोक पर गहराता चला गया। एक मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस ने करीब एक साल से एक साल से रची जा रही पूरी साजिश का पर्दाफाश कर दिया।