कश्मीर में बदलाव की बयार, मगर PM मोदी का धारा 370 हटाने का फैसला 57 इस्लामिक देशों को खटक रहा; जानें क्या हुआ ऐलान
इस्लामाबाद: जम्मू-कश्मीर में चुनावों के दौरान धारा 370 को हटाने का मुद्दा फिर से गरमाने लगा है। साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A हटाने का ऐतिहासिक फैसला इस्लामिक देशों के संगठन (OIC) के 57 सदस्य देशों के लिए नासूर बन गया है। गुरुवार को पाकिस्तान ने बयान जारी करते हुए कहा कि कश्मीर पर OIC के संपर्क समूह ने कश्मीरी जनता के प्रति अपना समर्थन फिर से जताया है और भारत से संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और कश्मीरी जनता की इच्छाओं के अनुसार इस मुद्दे के हल की मांग की है।
भारत का जवाब: OIC को टिप्पणी करने का कोई हक नहीं
भारत ने पहले भी इस्लामिक देशों के इस समूह पर स्पष्ट रूप से कहा है कि OIC जैसे निकाय को भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। भारत का स्पष्ट रुख है कि जम्मू-कश्मीर देश का अभिन्न और अविभाज्य अंग है, और OIC को इस मुद्दे पर टिप्पणी करने का कोई हक नहीं है। भारत ने OIC को चेताया कि उसका मंच किसी देश के निहित स्वार्थों के लिए इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
इस्लामिक देशों की एकजुटता के बाद पाकिस्तान का बयान
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि OIC के संपर्क समूह की बैठक न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र के दौरान हुई। इस बैठक की अध्यक्षता OIC महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा ने की, जिसमें पाकिस्तान, सऊदी अरब, तुर्किये, नाइजर, और अजरबैजान सहित कई देशों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कश्मीरी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल भी इसमें शामिल हुआ। बैठक के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया, जिसमें कश्मीरी जनता के आत्मनिर्णय के अधिकार और उनके वैध संघर्ष के लिए OIC के समर्थन की पुष्टि की गई।
OIC के संयुक्त बयान में क्या कहा गया?
संयुक्त बयान में कहा गया कि दक्षिण एशिया में स्थायी शांति और स्थिरता कश्मीर मुद्दे के अंतिम समाधान पर निर्भर करती है। इसमें कश्मीरी राजनीतिक दलों पर लगाए गए प्रतिबंध और कार्यकर्ताओं की संपत्ति जब्त करने की निंदा की गई। साथ ही, यह दावा किया गया कि जम्मू-कश्मीर में हो रही चुनावी प्रक्रिया कश्मीरी जनता के आत्मनिर्णय के अधिकार का विकल्प नहीं हो सकती।
OIC, जिसका मुख्यालय सऊदी अरब के जेद्दा शहर में स्थित है, अक्सर कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है और इस बार भी उसने इस्लामाबाद के पक्ष में बयान दिया है।