क्या महाराष्ट्र में टूट जाएगा महाविकास अघाड़ी गठबंधन
- महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन में टूट के आसार नजर आ रहे हैं
- शरद पवार ने अपने बयानो में कांग्रेस का विरोध किया है
- हालांकि, एनसीपी प्रवक्ता ने कहा कि एमवीए में कोई मतभेद नहीं है
मुंबई: महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। राजनीतिक गलियारों में गठबंधन को लेकर इस समय तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इस बात की चर्चा ने जोर पकडा हुआ है कि आने वाले समय में महाविकास अघाड़ी में टूट हो सकती है। इन कायासबाजियों का कारण एनसीपी प्रमुख शरद पवार के द्वारा दिए गए बयान बन रहे है। इन कायासबाजियों को इसलिए भी बल मिल रहा है क्योंकि शरद पवार ने एक के बाद एक कई ऐसे बयान दिए हैं। जो एमवीए के घटक दल कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) की विचारधारा और पार्टी लाइन से बिल्कुल अलग हैं। आईये जानते है शरद पँवार ने हाल-फिलहाल में क्या-क्या कहा है..
1. अडानी मुद्दे पर जेपीसी से इतर राय
एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने अडानी मामले में जेपीसी की जगह सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की निगरानी में जांच की मांग की है। इतना ही नहीं यह भी कहा कि अडानी समूह के बारे में जिस हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर विपक्ष इतना शोर मचा रहा है। उस कंपनी की खुद कोई क्रेडिबिलिटी नहीं है। शरद पवार के बयान के बाद कांग्रेस के लिए असमंजस की स्थिति पैदा हो गयी है।
2. सावरकर मुद्दे पर भी कांग्रेस का विरोध
कुछ दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वीर सावरकर के विरोध में बयान दिया था। उस समय भी पवार ने कहा था कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सावरकर की ओर से किए गए बलिदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पवार यहीं नहीं रुके उन्होंने सावकर को वैज्ञानिक सोच वाला इंसान बताते हुए उनकी तारीफ भी की थी। इस मुद्दे पर भी कांग्रेस और एनसीपी में मतभेद नजर आये थे।
3. ईवीएम पर भी अलग राय
महाराष्ट्र में एमवीए में सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) द्वारा कुछ दिन पहले ईवीएम से छेड़छाड़ का मुद्दा उठाया गया था। इस पर भी पवार परिवार (अजित पवार) ने अलग रुख अपनाते हुए कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ संभव नहीं है। हालांकि, बाद में उन्होंने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि यह मेरी व्यक्तिगत राय है। इस मुद्दे पर एनसीपी के प्रवक्ता महेश तपासे ने नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से कहा कि महाविकास अघाड़ी फेविकोल का एक मजबूत जोड़ है जो टूटेगा नहीं।
उन्होंने कहा कि शरद पवार ने खुद 15 दिन पहले ईवीएम को लेकर पार्टी की बैठक बुलाई थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि ईवीएम की जगह बैलेट पेपर के जरिये चुनाव कराये जाने चाहिए।
4. बाजार समिति चुनाव में एनसीपी ने बीजेपी से मिलाया हाथ
महाराष्ट्र में एपीएमसी (बाजार समिति) के चुनाव में अब शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने लगभग पचास फीसदी जगहों पर विरोधी दल बीजेपी के साथ हाथ मिला लिया है। इसकी वजह से भी यह चर्चा शुरू है कि महाविकास अघाड़ी के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है।
इस मुद्दे पर एनसीपी के प्रवक्ता महेश तपासे ने नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से कहा कि जहां तक बाजार समिति की बात है तो यह बड़े ही निचले स्तर का चुनाव होता है जिसमें पार्टी की कोई खास भूमिका नहीं होती है। इसलिए अगर कुछ सीटों पर कार्यकर्ताओं ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया भी होगा तो इसका महाविकास अघाड़ी पर कोई असर नहीं होगा।
5. नगालैंड में एनडीए को पवार ने दिया समर्थन
शरद पवार ने पिछले महीने नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी को समर्थन देने की घोषणा कर सबको चौंका दिया था। जो बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा है। उस समय एनसीपी ने कहा था कि उसने नगालैंड के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए रियो को समर्थन दिया गया है।
बता दें कि एनसीपी ने महाराष्ट्र में 2004 से 2014 तक कांग्रेस के साथ और फिर नवंबर 2019 से जून 2022 तक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (अविभाजित) के नेतृत्व वाले महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में शामिल होकर सरकार बनाई, जिसमें से कांग्रेस भी एक घटक है।