विराट को क्यों है खुद पर गर्व? अपनी बल्लेबाजी को लेकर भी बड़ी बात कह गए कोहली

विराट को क्यों है खुद पर गर्व? अपनी बल्लेबाजी को लेकर भी बड़ी बात कह गए कोहली

IPL 2025 में विराट कोहली रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के लिए अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने मुंबई इंडियंस के खिलाफ पिछले मैच में अपने आईपीएल करियर का सबसे तेज अर्धशतक लगाया था। विराट ने MI के खिलाफ 42 गेंदों में 67 रन बनाए थे। इस दौरान वह टी20 प्रारूप में 13000 रन बनाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी भी बने। अब RCB का अगला मुकाबला दिल्ली कैपिटल्स से होगा। इस मैच में भी विराट इसी फॉर्म को बरकरार रखना चाहेंगे। इसी बीच दिल्ली के खिलाफ मैच से पहले विराट ने अपनी बल्लेबाजी को लेकर बड़ा बयान दिया है और उन्होंने बताया कि क्यों उनको अपने ऊपर गर्व है।

अपनी बैटिंग को लेकर विराट कोहली ने दिया बड़ा बयान

कोहली ने जियो हॉटस्टार से बात करते हुए कहा कि उनकी बल्लेबाजी कभी भी अहंकार के बारे में नहीं है। उन्होंने अपनी बैटिंग से कभी किसी को मात देने की कोशिश नहीं की। उनके लिए यह हमेशा खेल की स्थिति को समझने के बारे में रहा है। यह कुछ ऐसा है जिस पर उन्हें हमेशा गर्व है। वह परिस्थितियों के अनुसार खेलना चाहता हैं। उन्होंने कहा, अगर वह लय में होते हैं तो वह स्वाभाविक रूप से जिम्मेदारी उठाने की कोशिश करते हैं। अगर कोई और बेहतर तरीके से खेल रहा होता है तो वह उन्हें अपना खेल खेलने देते हैं।

बता दें कि, कोहली आईपीएल में सबसे ज्यादा शतक और रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने 256 मैचों में आठ शतकों के साथ 8168 रन बनाए हैं। 36 वर्षीय कोहली ने कहा कि उन्होंने 2011 के सीजन के बाद से इस फॉर्मेट की जरूरतों को समझ लिया था। उन्होंने आगे कहा, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के साथ अपने पहले तीन सालों में उन्हें टॉप ऑर्डर में बल्लेबाजी करने के मौका नहीं मिला। उन्हें आमतौर पर निचले क्रम में भेजा जाता था। ऐसे में वह उस दौरान आईपीएल में ज्यादा सफल नहीं हो पाए थे।

विराट को नंबर 3 पर मिली अधिक सफलता

कोहली ने कहा, उन्होंने साल 2010 से अच्छा प्रदर्शन करना शुरू किया और वह 2011 से नियमित तौर पर नंबर 3 पर बैटिंग करने लगे। तब से उन्होंने निरंतरता के साथ अच्छा प्रदर्शन किया है। कोहली ने स्वीकार किया कि लीग में 18 साल बिताने से उन्हें क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप में अपने स्किल को और बेहतर करने में मदद मिली। उन्होंने कहा, इस टूर्नामेंट से प्लेयर्स को मानसिक और प्रतिस्पर्धी रूप से कई तरीकों से आगे बढ़ने की चुनौती मिलती है जो अन्य प्रारूपों में नहीं होती। इसने उन्हें अपने टी20 स्किल को लगातार सुधारने और विकसित करने के लिए भी प्रेरित किया है।


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