पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद हिंसा मामला: CBI को सुप्रीम कोर्ट से क्यों मिली फटकार?
New Delhi : साल 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच एजेंसी CBI को कड़ी फटकार लगाई है। CBI ने पश्चिम बंगाल से जुड़े 40 से ज्यादा मामलों को राज्य से बाहर ट्रांसफर करने के लिए अर्जी दाखिल की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई। आइए समझते हैं, क्या है पूरा मामला।
न्यायपालिका पर सवाल उठाने की अनुमति नहीं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने CBI की याचिका पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि एजेंसी ने ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की है, जैसे पूरे राज्य की न्यायपालिका निष्पक्ष नहीं है। अदालत ने इसे न्यायालय की अवमानना के बराबर माना और स्पष्ट रूप से कहा कि CBI के अधिकारी किसी राज्य के बारे में व्यक्तिगत राय रख सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे पूरे राज्य की न्यायपालिका पर आक्षेप लगाएं।
एजेंसी द्वारा लगाए गए आरोप निंदनीय: सुप्रीम कोर्ट
सुनवाई के दौरान जस्टिस अभय एस. ओक और जस्टिस पंकज मित्तल की खंडपीठ ने CBI की तीखी आलोचना की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एजेंसी ने राज्य की न्यायपालिका पर गंभीर और निंदनीय आरोप लगाए हैं। CBI की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू ने कोर्ट को बताया कि याचिका सही ढंग से तैयार नहीं की गई थी, जिस पर कोर्ट ने नए सिरे से अर्जी दाखिल करने की अनुमति दी।
CBI की दलीलें क्या थीं?
लाइव लॉ के मुताबिक, CBI ने पिछले साल दिसंबर में इन मामलों को राज्य से बाहर ट्रांसफर करने के लिए याचिका दायर की थी। CBI ने अपनी याचिका में कहा था कि गवाहों को डराया-धमकाया जा रहा है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने इस साल फरवरी में नोटिस जारी किया था, लेकिन हालिया सुनवाई में CBI की ओर से लगाए गए आरोपों पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया और फटकार लगाई।