नमाज होगी या नहीं यह मसला बताने वाले इमरान मसूद कौन: माजिद अली

नमाज होगी या नहीं यह मसला बताने वाले इमरान मसूद कौन: माजिद अली
पत्रकारों से वार्ता करते पूर्व बसपा प्रत्याशी माजिद अली

देवबंद: सड़क पर नमाज पढ़ने को लेकर सहारनपुर सांसद इमरान मसूद और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद के बयानों के बीच बसपा से प्रत्याशी रहे माजिद अली भी कूद पड़े हैं। उन्होंने इमरान मसूद पर पलटवार करते हुए सवाल उठाया कि सड़क पर नमाज होगी या नहीं यह मसला बताने वाले इमरान मसूद होते कौन हैं। कहा कि यह काम मदरसों से तालीम हासिल कर डिग्री लेने वाले मुफ्तियों का है। वो ही बताएंगे कि सड़क पर नमाज पढ़ना जायज है या नहीं।

मंगलवार को सांपला मार्ग स्थित आवास पर पत्रकारों से रुबरु हुए माजिद अली ने सड़क पर नमाज के मुद्दे को लेकर सांसद इमरान मसूद का जमकर विरोध किया। कहा कि जब से देश आजाद हुआ तब से लोग सड़क पर नमाज अदा करते आ रहे हैं। तो क्या उन सबकी नमाज हुई ही नहीं। जनता ने बुजदिल सांसद चुन लिया है। इन्होंने मुसलमानों के लिए आज तक कोई काम नहीं किया। इन्हें हमेशा दूसरे समाज के लोगों की फिक्र रहती है।

माजिद अली ने कहा कि संविधान ने सबको बराबर का हक दिया हुआ है। रोड पर न नमाज पढ़ी जाए और न ही कोई दूसरे वर्ग के धार्मिक आयोजन होने चाहिए। किसी एक समाज को टारगेट करना सरासर गलत है। माजिद ने कहा कि कांवड यात्रा के दौरान मार्ग बंद नहीं करना चाहिए। इससे लोगों का भारी नुकसान होता है। मगर इसके बावजूद भी हम अपने भाईयों की आस्था का ख्याल रखते हैं और उसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

कहा कि शिवभक्तों की सेवा को मेडिकल शिविर लगाते हैं, भोजन की व्यवस्था करते हैं और अन्य सेवा कार्य करते हैं। जब हम उनके लिए इतना करते हैं तो उन्हें भी चाहिए कि वह भी हमारे लिए सरकार पर दबाव बनाए और कहें कि इन्हें भी सहूलियत मिलनी चाहिए। बसपा से बाहर निकाले जाने पर माजिद अली ने कहा कि उन्हें पता ही नहीं कि उन्हें बाहर क्यों निकाला गया। बहन जी ने जो फैसला लिया ठीक ही होगा। लोकसभा चुनाव में इमरान मसूद को हरवाने के लिए भाजपा को समर्थन करने को उन्होंने कोरी अफवाह बताया। कहा कि वह कभी भी भाजपा में नहीं जाएंगे।

 

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