जहां काबू में नहीं आ रहा कोरोना, वहां व्‍यवस्‍था सुधारने में केंद्र सरकार करेगी राज्‍यों की मदद

जहां काबू में नहीं आ रहा कोरोना, वहां व्‍यवस्‍था सुधारने में केंद्र सरकार करेगी राज्‍यों की मदद

 

  • पीएम मोदी की रिव्‍यू मीटिंग में हुआ फैसला, मेडिकल इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर बढ़ाने में राज्‍यों की मदद करेगा केंद्र
  • अगर इसी तरह बढ़े केस तो अगले 80 दिन में हो सकते हैं भारत में 25 लाख कोरोना मामले
  • दिल्‍ली, महाराष्‍ट्र, तमिलनाडु और गुजरात जैसे राज्‍यों पर फोकस
  • मार्च से टेस्टिंग बढ़ाने और डेडिकेटेड कोविड अस्‍पताल तैयार करने पर जोर, अब आएगी और तेजी

अखिलेश सिंह, नई दिल्‍ली
भारत में कोविड-19 (Covid-19 in India) के बढ़ते मामलों के बीच, केंद्र सरकार अब राज्‍यों के साथ मिलकर मेडिकल इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर को और सुधारेगी। अगले दो महीनों में, जब मॉनसून पूरी ताकत से भारत में टकराएगा, तब उन शहरों पर फोकस रहेगा जहां इन्‍फेक्‍शन बहुत ज्‍यादा है या सैकड़ों हॉटस्‍पॉट्स हैं। यह फैसला शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समीक्षा बैठक के दौरान हुआ। इस मीटिंग में चर्चा इसी बात पर हुई कि केसेज बढ़ने से रोकने के लिए कोविड मरीजों के इलाज और मैनजमेंट को और बेहतर करना होगा।

भारत को अमेरिका नहीं बनने देना…
देश में केसेज डबल होने का हालिया रेट देखें तों लगभग 80 दिन में कुल 25 लाख मामले हो सकते हैं। सूत्रों ने कहा कि भारत को अमेरिका जैसे हालात से बचाने के लिए सोशल डिस्‍टेंसिंग और कंटेनमेंट स्‍ट्रैटजी को प्रभावी ढंग से लागू करने की जरूरत है। इस रिव्‍यू मीटिंग में वरिष्‍ठ मंत्री और शीर्ष ब्‍यूरोक्रेट्स शामिल हुए। कई संभावनाओं पर एक प्रजेंटेशन दिया गया जिसमें ज्‍यादा केसेज वाले राज्‍यों को डील करने पर जोर दिया गया। मार्च के बाद से टेस्टिंग और डेडिकेटेड कोविड अस्‍पताल बढ़े हैं मगर वे पर्याप्‍त नहीं हैं।

फोकस- रोज केसेज की संख्‍या में न आए उछाल
अभी भारत में कोविड-19 के मामले बढ़ते रहने की आशंका है। मीटिंग में अधिकारियों ने कहा कि अगर 7 दिन का डबलिंग रेट होता तो अबतक 10 लाख से ज्यादा केस आ चुके होते। सरकार की कोशिश है कि रोज कोरोना के मामलों में कई गुना बढ़ोतरी न हो। नीति आयोग के सदस्‍य और मेडिकल इमर्जेंसी मैनेजमेंट प्‍लान वाले ग्रुप के कन्‍वीनर, विनोद पॉल ने अभी के हालात और संभावित हालात को लेकर एक विस्‍तृत प्रजेंटेशन दिया।

शहर और जिलेवार कितने बेड्स की जरूरत?
पीएमओ ने एक बयान में, कहा, “हमने देखा कि कुल मामलों में से दो-तिहाई पांच राज्‍यों में हैं, खासतौर से बड़े शहरों में। डेली केसेज की पीक से निपटने की चुनौतियों को देखते हुए टेस्टिंग बेहतर करने के साथ-साथ बेड्स की संख्‍या और सेवाओं को बेहतर करने पर चर्चा हुई।” पीएम ने शहर और जिले के हिसाब से अस्‍पतालों और आइसोलेशन बेड्स की जरूरत को भी नोट किया। उन्‍होंने स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय को राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर इमर्जेंसी प्‍लानिंग करने के निर्देश दिए हैं।

प्रधानमंत्री ने स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय से कहा कि वह आगामी मॉनसून को ध्‍यान में रखकर अपनी तैयारियां करे। पीएम और सीनियर मंत्रियों ने सफलतापूर्वक कोरोना को रोकने के लिए कई राज्‍यों, जिलों और शहरों के काम को सराहा। उन्‍होंने कहा कि ऐसी सक्‍सेस स्‍टोरीज और अच्‍छी बातों को बाकी लोगों तक भी पहुंचाया जाना चाहिए।