गजब! क्या-क्या ढूंढ लिया, अब हाइड्रोजन खोजने में लगा प्रज्ञान

गजब! क्या-क्या ढूंढ लिया, अब हाइड्रोजन खोजने में लगा प्रज्ञान

नई दिल्ली: चंद्रयान-3 चांद के साउथ पोल पर खोजबीन कर रहा है। इसरो का कहना है कि चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर ठीक तरह से काम कर रहा है। प्रज्ञान रोवर ने चांद के साउथ पोल पर ऑक्सीजन और सल्फर की खोज की है। इसके अलावा प्रज्ञान ने चांद पर एल्युमीनियम, कैल्शियम, लौह, क्रोमियम, टाइटैनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन का भी पता लगाया है। अब हमारा चंद्रयान चांद पर हाइड्रोजन की तलाश कर रहा है। अगर वहां हाइड्रोजन की मौजूदगी का पता लग गया तो ये चंद्रयान-3 मिशन की सबसे बड़ी सफलता होगी। क्योंकि हाइड्रोजन और ऑक्सीजन की मदद से पानी बनाया जा सकता है, इसका मतलब ये होगा कि चांद के साउथ पोल पर पानी की मौजदूगी के निशान मिल जाएंगे।

पानी मिला, तो जीवन की संभावना

भारत चंद्रमा के साउथ पोल पर पहुंचने वाला पहला देश है। चांद के साउथ पोल को लेकर हमेशा इस तरह के तथ्य सामने आते रहे हैं कि वहां बर्फ के रूप में पानी मौजूद है। पानी की मौजूदगी चांद पर जीवन होने का प्रमाण भी साबित हो सकता है। जीवन के पानी बेहद जरूरी है। लेकिन इसके अन्य उपयोग भी हैं। अगर चांद पर पानी मिलता है तो इसका इस्तेमाल मशीनों को ठंडा रखने और रॉकेट ईंधन बनाने में किया जा सकता है, जो कई स्पेस मिशन के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।

बस हाइड्रोजन मिलने का इंतजार

चांद पर ऑक्सीजन के बाद हाइड्रोजन मिलना स्पेस जगह में एक जरूरी खोज हो सकती है। इस खोज के बाद स्पेस एजेंसिंया एक कदम आगे के मिशनों के बारे में सोच पाएंगी। चांद पर आसानी से एस्ट्रोनॉट को भेजा जा सकेगा। पीने और मशीनों को ठंडा रखने के लिए पानी मिल सकेगा। इसके अलावा सांस लेने योग्य हवा या ईंधन भी बनाया जा सकेगा। इसके अलावा चंद्रमा पर पानी का शुद्ध वैज्ञानिक महत्व है। इसका उपयोग चंद्रमा पर जियोलॉजिकल एक्टिविटी के रेकॉर्ड के रूप में किया जा सकता है। इसकी मदद से चांद पर ज्वालामुखी, और यहां तक कि एक क्षुद्रग्रह स्ट्राइक ट्रैकर के रूप में भी काम कर सकता है। जब भी चांद पर पानी की बात आती है तो इसके ज्यादातर संकेत ध्रुवों से ही आते हैं।

अब तक प्रज्ञान ने खोजे ये तत्व

बता दें कि हमारे प्रज्ञान रोवर ने चांद के साउथ पोल पर कई तत्वों की खोज की है। इसरो इसरो के अनुसार चांद पर एल्युमीनियम, कैल्शियम, लौह, क्रोमियम, टाइटैनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन का पता लगाया गया है। इसरो ने कहा कि उम्मीद के मुताबिक, एल्युमीनियम, कैल्सियम और ऑक्सिजन का भी पता चला है। हाइड्रोजन की खोज जारी है। इसरो ने बताया कि रोवर पर लगे लेजर संचालित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (LIBS) उपकरण के जरिए यह संभव हो पाया है।