देवबंद उपकारागार व सम्प्रेषण बाल गृह का किया वर्चुअल निरीक्षण

सहारनपुर [24CN]। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष/जिला जज अश्विनी कुमार त्रिपाठी के मार्गदर्शन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव/सिविल जज (सीडी) हृषीकेश पाण्डेय ने आज उपकारागार देवबन्द का वर्चुअल निरीक्षण किया।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव/सिविल जज (सीडी) हृषीकेश पाण्डेय ने आज उपकारागार देवबन्द का वर्चुअल निरीक्षण करते हुए कारागार में निरूद्ध विचाराधीन एवं सजायाफता बन्दियों से अलग अलग वार्ता की और उनकी समस्याओं को सुना। इस दौरान किसी भी बन्दी ने कोई समस्या नहीं बताई। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधीक्षक कारागार से साफ सफाई, भोजन, खान पान, तथा भंडार गृह की जानकारी भी ली गई। उन्होंने बंन्दियों को कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये भारत सरकार व उ.प्र. सरकार द्वारा समय समय जारी गाईडलाईन के अनुपालन हेतु बताया। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को कारागार अधीक्षक ने बताया कि वर्तमान में कुल 154 बन्दी हैं जिनमें से 17 बन्दियों को छोड़कर शेष सभी बन्दियो को दोनों डोज लग चुकी है, शेष 17 बन्दियों को दूसरी डोज लगने में अभी समय शेष है। जैसे ही उनका समय पूरा होगा दूसरी डोज भी लगवा दी जायेगी। जेल अधीक्षक द्वारा बताया गया कि कारागार में नियमित रूप से सैनिटाईजर का कार्य कराया जाता है तथा राज्य सरकार व केन्द्र सरकार द्वारा जारी कोविड-19 के नियमो का पालन बन्दियों द्वारा किया जा रहा। उन्होंने विचाराधीन बन्दियों से कहा कि यदि उनके मुकदमें में पैरवी हेतु अधिवक्ता नहीं है तो वह जेल प्रशासन के माध्यम से अपना प्रार्थना पत्र अधिवक्ता हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में भिजवा सकता हैं, जहां उन्हें नि:शुल्क अधिवक्ता की सुविधा उपलब्ध करा दिया जायेगा।

इसके अलावा श्री पाण्डेय ने बाल सम्प्रेषण गृह गौतमबुद्वनगर का वर्चुयल निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया। जेजे बोर्ड के सहायक अधीक्षक ने बताया कि वर्तमान में बाल सुधार गृह में 13 बच्चे हैं। मेरे द्वारा 13 किशोर अपचारियों से अलग-अलग वार्ता की तथा उनकी समस्या को सुना। किसी भी किशोर बन्दी ने अपनी कोई समस्या नहीं बताई। इस दौरान अधीक्षक द्वारा बताया गया कि समय समय पर नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा बाल सम्प्रेषण गृह का सैनिटाईजेशन किया जाता है। उन्होंने साफ सफाई, भोजन, खान पान तथा भंडार गृह जानकारी भी ली। उन्होंने किशोर बन्दियों को बताया कि यदि किसी को विधिक सहायता की आवश्यकता है तो वह अपना प्रार्थना पत्र बाल सम्प्रेषण गृह की सहायता से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में भिजवा सकता है तत्काल अधिवक्ता की सुविधा उपलब्ध करा दी जायेगी।