देहरादून: आखिरकार लंबे समय से कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत को झेलती आ रही भाजपा ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से बर्खास्त कर दिया। इससे हरक स्वत: ही मंत्रिमंडल से भी बर्खास्त हो गए। मंत्रिमंडल से हटाए जाने की सूचना सरकार ने राजभवन को तत्काल भेज दी।
दावेदारों के पैनल के सिलसिले में दिल्ली में हुई पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की बैठक में यह निर्णय लिया गया। प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने इसकी पुष्टि की। बताया जा रहा कि हरक परिवार के लिए तीन टिकट मांग रहे थे, जिसे केंद्रीय नेतृत्व ने खारिज कर उन्हें बाहर का रास्ता दिखाना बेहतर समझा। हरक रविवार को ही विधायक उमेश शर्मा काऊ के साथ दिल्ली पहुंचे थे। हरक का कहना था कि वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे।
हरक सिंह रावत पिछले पांच साल से भाजपा को समय-समय पर असहज करते आए हैं। अब तक पार्टी वर्ष 2016 के राजनीतिक घटनाक्रम के दौरान दिए गए सहयोग के लिए उनकी हर बात को मानती आई है। ऐसे में पार्टी संगठन के बीच से भी हरक के विरोध में सुर उभर रहे थे। अब जबकि विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है तो नाराज बताए जा रहे हरक ने पार्टी के सामने अपनी सीट बदलने के साथ ही पुत्रवधू के लिए लैंसडौन से टिकट समेत तीन टिकटों की मांग रख दी। हाल में उन्होंने केंद्रीय मंत्री एवं प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी से बंद कमरे में बातचीत की थी। तब पार्टी की ओर से साफ कर दिया गया था एक परिवार को एक ही टिकट दिया जाएगा।
टिकट की मांग का समाधान न होने से देखी जा रही नाराजगी
हरक सिंह शनिवार को एक बार फिर चर्चा में तब आए, जब वह प्रदेश भाजपा कार्यालय में कोर ग्रुप की बैठक में शामिल नहीं हुए। इसे उनकी तीन टिकट की मांग का समाधान न होने से पैदा नाराजगी से जोड़कर देखा गया। रविवार शाम को हरक अपनी पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं और विधायक उमेश शर्मा काऊ के साथ दिल्ली पहुंच गए। उन्होंने बताया था कि वह दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर अपनी बात रखेंगे।
हरक के विषय पर भी हुआ मंथन
दरअसल, रविवार शाम को विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन के संबंध में भाजपा नेता मंथन में जुटे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने देर रात बताया कि बैठक में हरक के विषय पर भी मंथन हुआ। इसके बाद पार्टी ने हरक को छह साल के लिए भाजपा से बर्खास्त करने का निर्णय ले लिया। उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के संबंध में भी सरकार की ओर से राजभवन को सूचना भेज दी गई। राजभवन ने इसकी पुष्टि की है। उधर, देर रात यह जानकारी सामने आई कि हरक सिंह रावत सोमवार को विधिवत कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।
पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत का कहना है कि भाजपा ने मेरे संबंध में जो निर्णय लिया है, उसकी जानकारी मुझे मीडिया से मिली। पार्टी ने मुझे अपनी बात रखने का अवसर भी नहीं दिया, जबकि मैं दिल्ली में ही मौजूद हूं। पार्टी नेताओं को इसकी जानकारी भी थी। अब सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श के बाद अगला कदम तय करूंगा।
24 दिसंबर को कैबिनेट बैठक छोड़कर चले गए थे हरक
हरक सिंह रावत कोटद्वार में मेडिकल कालेज के निर्माण को लेकर तकरीबन बीते दो महीने से मुखर थे। इस मामले में लग रही अड़चन से नाराज हरक सिंह रावत इस्तीफा देने की धमकी देते हुए बीती 24 दिसंबर को कैबिनेट बैठक छोड़कर चले गए थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री रावत की नाराजगी दूर करने को सक्रिय हुए। उन्होंने मेडिकल कालेज के संबंध में ठोस निर्णय के संकेत दिए। मान-मनुहार के प्रयास कामयाब हुए।
सोमवार को कांग्रेस का दामन थामने की चर्चा
दिल्ली रवाना होने के दौरान हरक सिंह रावत के साथ देहरादून के रायपुर विधानसभा सीट से उमेश शर्मा काऊ भी हैं। बताया जा रहा है कि हरक सिंह रावत देर रात को कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करने जा रहे हैं। कल यानी सोमवार को उनके कांग्रेस में शामिल होने की भी चर्चा चल रही है। हालांकि माना जा रहा है कि जिस तरह से हरक सिंह रावत ने भाजपा के समक्ष टिकटों की शर्त रखी थी, यदि वह कांग्रेस के सामने भी यह शर्त रखते हैं तो यह कांग्रेस के लिए भी मुश्किल हो सकती है।
भाजपा विधायक ने किया ट्वीट
भाजपा के बदरीनाथ विधानसभा सीट से विधायक महेंद्र भट्ट ने ट्वीट कर कहा कि देर से ही सही पार्टी का अच्छा निर्णय। हरक सिंह रावत भाजपा से बर्खास्त हुए। मंत्रीमंडल से भी बर्खास्त।