लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सरकारी मेडिकल कालेजों, चिकित्सा संस्थानों व सुपर स्पेशियलिटी संस्थानों में जल्द 10 हजार डाक्टरों व कर्मियों की और भर्ती की जाएगी। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (NMC) के मानकों के अनुसार स्नातक (UG), परास्नातक (PG) व सुपर स्पेशियलिटी कोर्सेज चलाने के लिए पद सृजित किए जाने को मंगलवार को कैबिनेट (Cabinet Meeting) ने मंजूरी दे दी।

फिलहाल इन पदों पर भर्ती होने के बाद हर साल करीब 921 करोड़ रुपये का व्ययभार सरकार पर पड़ेगा। वहीं वर्ष 2021 में सृजित किए गए डाक्टरों व कर्मियों के 47,127 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। इस तरह अब कुल 57,127 पदों पर भर्ती होगी।

महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा श्रुति सिंह की अध्यक्षता में एनएमसी के मानकों के अनुसार डाक्टर व कर्मियों की भर्ती करने के लिए कमेटी का गठन किया गया था। राजकीय मेडिकल कालेजों व स्वशासी राज्य मेडिकल कालेजों में पीजी कोर्सेज और सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों व चिकित्सा संस्थानों में यूजी, पीजी तथा सुपर स्पेशियलिटी पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए एनएमसी के मानकों के अनुसार पद सृजित किए जा रहे हैं।

यह पद मेडिकल कोर्सेज की सीटों व बेड की संख्या के अनुसार सृजित किए जा रहे हैं। अभी वर्तमान में कुल सृजित पदों का 60 प्रतिशत पद ही भरे हुए हैं। ऐसे में निर्धारित मानकों के अनुसार पदों को भरने से कोई तत्कालिक व्ययभार नहीं आएगा। भविष्य में चरणबद्ध ढंग से इसके व्ययभार को उठाने की व्यवस्था की जाएगी।

मानकों के अनुसार पदों के सृजन के लिए मुख्यमंत्री से अनुमोदन लिया जाएगा। पदों में अगर कोई परिवर्तन होना है तो वित्त विभाग के परामर्श से किया जाएगा। अगर कोई पद पूर्व में सृजित है और अब वह एनएमसी के मानक में नहीं आता है तो उसे ऐसे पद पर कार्यरत कर्मियों के सेवानिवृत्त होने के बाद पद समाप्त माना जाएगा।

यदि पूर्व से पद सृजित खाली चल रहे हैं तो उन्हें प्राथमिकता पर भरा जाएगा। नए सृजित पद को उसके बाद। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2021 में सृजित किए गए 47,127 पदों में से करीब पांच हजार पद अब तक भर चुके हैं। फिलहाल अब दस हजार नए पद सृजित किए जाने से आगे पांच वर्षों में कुल 57,127 पदों पर भर्ती होगी।