लखनऊ : कोरोना वायरस के संक्रमण काल में सम्पन्न उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद आज यानी रविवार को प्रदेश के 829 केंद्रों पर वोटों की गिनती जारी है। सुप्रीम कोर्ट से शनिवार को हरी झंडी मिलने के बाद जिला, क्षेत्र और ग्राम पंचायत सदस्यों के अलावा ग्राम प्रधान पदों के 12,89,830 उम्मीदवारों के भाग्य का आज फैसला होगा। प्रदेश में सबसे पहले चंदौली से नतीजा आया। इसके बाद से अलग-अलग जिलों से भी परिणाम आने लगे हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार मतगणना सभी जिलों में जारी है। कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की जानकारी नहीं मिली है। सोमवार दोपहर बाद तक अंतिम परिणाम आने की संभावना है। रविवार देर शाम तक 1,12,357 ग्राम पंचायत सदस्य, 16,510 ग्राम प्रधान, 35,812 क्षेत्र पंचायत सदस्य निर्वाचित हो चुके हैं।

सपा के पूर्व विधायक की बहू चुनाव हारीं : कानपुर के चौबेपुर विकासखंड के पेम ग्राम पंचायत से प्रधान पद का चुनाव लड़ रहीं सपा के पूर्व विधायक मुनींद्र शुक्ला की बहू वेद शुक्ला चुनाव हार गईं। उन्हें कंचन ने 473 मतों से पराजित किया है। कंचन के पति बीरेंद्र निवर्तमान ग्राम प्रधान हैं। प्रेम गांव पंचायत की सीट पूर्व विधायक के परिवार की परंपरागत सीट रही है। यहां से उनके पिता विष्णु दत्त लगातार प्रधान बनते रहे। बाद में उनके भाई महेंद्र शुक्ला प्रधान रहे। वर्ष 1990 में पूर्व विधायक मुनींद्र शुक्ला भी यहीं से प्रधान चुने गए थे। वर्ष 1990 में भाई बीरेंद्र शुक्ला ग्राम प्रधान बने। इस बार उन्होंने अपने भाई रविंद्र शुक्ला की बहू वेद शुक्ला को चुनाव मैदान में उतारा था। गांव में कुल 46 सौ मतदाता है। यहां से सात महिला प्रत्याशी मैदान में थीं।

मिर्जापुर के कोन ब्लॉक में शशि मिलन यादव बने टॉस से बॉस: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कई जगह ग्राम प्रधान के चयन में कांटे के संघर्ष में एक या दो वोट से जीत तथा हार तय हुई है। इनके बीच ही मिर्जापुर में विलक्षण प्रकरण सामने आया है। यहां पर तो लाटरी से प्रधान चुना गया है। कोन ब्लॉक के मिश्रधाप ग्राम पंचायत में प्रधान पद का फैसला लाटरी से हुआ। दो प्रत्याशी अजय मिश्रा और शशि मिलन यादव को बराबर 161-161 वोट मिले। इसके बाद रिटर्निंग अफसर ने सभी की राय से पर्ची निकलवाकर फैसला किया। अजय मिश्रा और शशि मिलन यादव की मौजूदगी में कृपाल सिंह ने लाटरी की पर्ची निकाली। इसमें शशि मिलन यादव की किस्मत बुलंद थी और उनको प्रधान निर्वाचित घोषित किया गया।

प्रयागराज में दो प्रत्याशियों को मिले बराबर वोट, टॉस से फैसला: प्रयागराज में भी एक सीट पर मत बराबर हो गया। इसके बाद टॉस का सहारा लिया गया। टॉस में जीते भुंवरलाल को विजयी घोषित कर ग्राम प्रधान का सर्टिफिकेट दे दिया गया। प्रयागराज में सोरांव के करौदी गांव सभा यूपी का पहला ऐसा रिजल्ट दे गया जहां टॉस का सहारा लेना पड़ा। यहां राजबहादुर और भुंवरलाल दोनों को 170 मत मिले। इसके बाद आरओ सुरेश चंद्र यादव ने टॉस कराया। भुंवरलाल टॉस जीतकर करौंदी के प्रधान बन गए।

मुलायम सिंह के सैफई में आजादी के बाद पहली बार मतदान, दलित बना प्रधान: समाजवादी पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष और सरंक्षक मुलायम सिंह यादव के गांव इटावा के सैफई में आजादी के बाद पहली बार मतदान हुआ। इससे पहले मुलायम सिंह यादव के दोस्त दर्शन सिंह यादव निर्विरोध प्रधान बनते थे। इस बार सीट आरक्षित थी और मुलायम सिंह यादव के समर्थित रामफल वाल्मीकि ने एकतरफा जीत दर्ज की। यहां पर 1971 से मुलायम के दोस्त दर्शन सिंह यादव लगातार सैफई गांव के प्रधान निर्वाचित होते रहे। बीते वर्ष 17 अक्टूबर को उनके निधन के बाद यह सीट रिक्त हो गई थी। सैफई में 50 साल बाद मतदान हुआ और पहली दफा दलित जाति का कोई प्रधान बना है। रामफल की जीत कितनी बड़ी रही, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रामफल बाल्मीकि को 3877 मत मिले, जबकि विरोधी विनीता नामक महिला को मात्र 15 वोट मिले। इससे पहले कभी भी सैफई में मतदान नहीं हुआ था। प्रधान पद का चुनाव निॢवरोध निर्वाचन होता था। आजादी के बाद पहली बार कोई दलित मुलायम सिंह यादव के गांव में प्रधान बना है। इसा बार पंचायत चुनाव में सैफई गांव की सामान्य सीट को प्रधान पद को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया। इसके बाद भी मुलायम सिंह के अपनी ताकत का एहसास कराया है।

मैनपुरी में पिंकी देवी को मौत के बाद मिली प्रधानी: देश के साथ उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के बीच में सम्पन्न पंचायत चुनाव के आज परिणाम आ रहे हैं। ऐसे में मैनपुरी के एक परिवार के लिए यह बेहद दुखद क्षण है। यहां पर कुरावली ब्लाक की ग्रामसभा नगला ऊसर से पिंकी देवी ने 115 वोटों से ग्राम प्रधान का चुनाव जीत लिया है। उन्होंने निवर्तमान प्रधान चंद्रावती को हराया है। पंचायत चुनाव के दौरान ही पिंकी बीमार हो गईं। इस दौरान उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर उनकी इलाज के दौरान मौत हो गयी थी। अब ग्रामसभा नगला ऊसर में पुन: चुनाव होगा।

कानपुर के बिधनू ब्लॉक से किन्नर काजल किरण ग्राम प्रधान निर्वाचित: उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कानपुर नगर के बिधनू ब्लाक में किन्नर काजल किरन ने ग्राम प्रधान के पद पर जीत दर्ज की है। बिधनू विकास खंड के सेन पश्चिम पारा ग्रामपंचायत से किन्नर लालमण काजल किरन प्रधान पद के लिए जीत दर्ज कराकर गांव की राजनीति में झंडा फहरा दिया। उन्होंने गुड़िया देवी को 185 मतों से हराकर जीत हासिल की। शहर में राजनीति करने के दौरान  काजल किरन नौबस्ता पशुपति नगर वार्ड 48 से पार्षद रह चुकी है। उन्होंने महाराजपुर विधानसभा से निर्दलीय विधायक उम्मीदवार के रूप में भाग्य भी अजमा चुकी हैं।

वर्तमान में वह मंगलामुखी किन्नर समाज की राष्ट्रीय महासचिव भी है। रविवार को उनकी जीत की घोषणा से उनके समर्थकों के बीच खुशी की लहर दौड़ पड़ी। जीत का प्रमाण पत्र लेकर मतगड़ना केंद्र से निकली लालमन काजल किरन ने कहा कि सेन पश्चिम पारा गांव उनके पूर्वजों का है। गांव की दुर्दशा सवांरने के लिए उन्होंने शहर से राजनीति छोड़कर ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ा। गांव की जनता ने उनपर जो विश्वास जताया है, उसपर वह खरा उतरने का प्रयास करेंगी। की  हुआ,अब वह गांव का  उन्होंने बताया कि एक वर्ष पहले सेन से फत्तेपुर गोही रोड पर मकान भी बनवाकर गांव की सेवा में लग गई थी। तब से पूरी ग्राम पंचायत के हर परिवार के सुख दुख में वह शामिल होती आ रही है। उन्होंने बताया कि इसके पहले वह वर्ष 2006 में वह नौबस्ता पशुपति नगर वार्ड 48 ( वर्तमान वार्ड 66) से भारी मतों से पार्षद बनी थी। जिस दौरान उन्होंने क्षेत्र का विकास किया। वर्ष 2012 में उन्होंने महाराजपुर विधान सभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक पद के लिए भाग्य आजमाया था। चुनाव में उन्हें जीत जरूर नहीं।मिली, लेकिन जनता ने सम्मानजक मत दिये थे। करीब 40 वर्षों से शहरी वातवरण में रहकर जनता की सेवा कर रही हैं। उन्होंने गांव में विकास को गति देने के लिए रुख करते हुए चुनाव लड़ा है। उन्होंने कहा कि वह गांव को हर मूलभूत सुविधा से पूर्ण करने के लिए संकल्प लिया है। जिसको लेकर वह गांव की जनता के बीच रहकर उनकी सेवा करने के करेंगी।

बाराबंकी में महिलाओं ने प्रधान पद के चुनाव में बाजी मारी: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणाम आ रहे हैं। 75 जिलों में मतगणना जारी है। पहले ग्राम प्रधानों के परिणाम आ रहे हैं। राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी में महिलाओं के पक्ष में अधिक नतीजे आ रहे हैं। यहां पर चार घंटे की मतगणना में ग्राम प्रधान पद पर जीत के परिणाम आने लगे हैं। अब तक के परिणाम में आधी आबादी का पलड़ा भारी है।

पूरेडलई ब्लाक के अजईमऊ में रीता सिंह तथा इटहुवा पूरब में प्रभुदेई विजयी हुई हैं। अरसंडा मे सुनीता ने प्रतिद्वंद्वी सुषमा को 14 मत से हराया है। कूढा ग्राम पंचायत में कैलाशा ने जीत हासिल की है। त्रिवेदीगंज के नरेंद्रपुर मदरहा में मीरा त्रिपाठी पत्नी रामकृष्ण त्रिपाठी 151 मतों से विजयी हुई। इसी तरह वे सिरौलीगौसपुर के भैसुरिया ग्राम पंचायत से आशा कुमारी पत्नी हरिनाथ सिंह 29 वोट से जीती हैं। करोरा ग्राम पंचायत रिंकी देवी 37 मत से जीती हैं।

चंदौली में सिर्फ दो वोट से प्रधान का चुनाव जीते ओमप्रकाश: उत्तर प्रदेश को तीन प्रदेश के जोडऩे वाले चंदौली जीते में प्रधान पद के लिए काफी कांटे के संघर्ष में एक प्रत्याशी ने सिर्फ दो वोट से जीत दर्ज की। चंदौली की चकिया ब्लाक की ग्राम सभा इसहुल का परिणाम सबसे पहले आया। यहां पर प्रधान पद के प्रत्याशी ओमप्रकाश 470 मत प्राप्त कर दो वोट से जीते। उन्होंने निकटतम प्रत्याशी चंदन को हराया। चंदन को 468 मत मिले।

रायबरेली में बीडीसी प्रत्याशी गुड्डी देवी व सुमित्रा विजयी: रायबरेली में ग्राम पंचायत प्रतिनिधि (बीडीसी) पद के दो नतीजे आए हैं। यहां पर पचखरा गुड्डी देवी विजयी हुईं। इन्हेंं कुल 583 मत मिले। इन्होंने 239 वोट पाने वाली अंतिमा को हराया है। ऊंचाहार के हटवा ग्राम सभा में सुमित्रा विजयी ने 690 मत पाकर सरिता देवी को हराया है। इसी तरह निगोहां में प्रधान पद के प्रत्याशी आशीष तिवारी ने जीत दर्ज की है।

मेरठ में अव्यवस्थाओं के बीच शुरू हुई मतगणना: मेरठ में अव्यवस्था के बीच त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना रविवार सुबह आठ बजे शुरू हो गई है। कहीं समय से तो कहीं कुछ विलंब से मतगणना का काम शुरू हुआ। कुछ स्थानों पर कोविड जांच के बाद तो कुछ स्थानों पर थर्मल स्कैनिंग के बाद ही एजेंट को अंदर जाने दिया गया। तमाम दावों के बावजूद भारी भीड़ को रोक पाने में पुलिस प्रशासन विफल साबित हो रहा है। मुजफ्फरनगर में भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को लाठियां फटकारनी पड़ीं। भारी भीड़ कोरोना गाइडलाइन का खुला उल्लंघन कर रही है। बुलंदशहर में एजेंटों की लंबी लाइन देखी जा रही है। सहारनपुर में थर्मल स्कैनिंग के बाद ही एजेंट को अंदर जाने दिया जा रहा है। मेरठ के सरधना में 16 कर्मचारी अनुपस्थित रहे। इनके स्थान पर दूसरे कर्मियों की ड्यूटी लगाकर मतगणना शुरू कराई गई। सभी स्थानों पर मतपत्रों के बंडल बनाए जा रहे हैं। मतगणनास्थल स्थल की सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है। डीएम व एसएसपी निरीक्षण कर दिशा निर्देश दे रहे हैं। सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं।

बाराबंकी, मेरठ, अयोध्या, बागपत और उन्नाव में विलंब से मतगणना: उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में चार चरण के मतदान के बाद रविवार को मतों की गिनती हो रही है। स्ट्रांग रूम से बैलट बॉक्स को मतदान केंद्र में कड़ी सुरक्षा के बीच में लाया गया। यहां पर पहले मतपत्रों को निकालकर उनकी गड्डियां तैयार की जा रही हैं। तैयार गड्डियों की गिनती भी की जा रही है। प्रदेश में आज अयोध्या, मेरठ, बागपत, बाराबंकी और उन्नाव में गिनती का काम विलंब से शुरू हुआ। अयोध्या, बागपत, बाराबंकी व मेरठ के कई केंद्र में करीब एक घंटा का विलंब हुआ जबकि उन्नाव में 20 मिनट की देरी से मतगणना का काम हो रहा है।

मतगणना स्थल के बाहर कोविड प्रोटोकॉल का जमकर उल्लंघन: प्रदेश के लगभग हर जिले में मतगणना केंद्रों के बाद लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा है। शारीरिक दूरी का कहीं पर भी पालन नहीं हो रहा है। प्रत्याशी तो थर्मल स्कैनिंग और तमाम जांच के बाद मतगणना केंद्र के अंदर हैं, लेकिन बाहर उनके समर्थकों को नियंत्रित करने में पुलिस को काफी मशक्कत भी करनी पड़ रही है। फिरोजाबाद तथा मैनपुरी में तो पुलिस ने बल का भी प्रयोग किया है।  मतगणना केंद्रों के बाहर भारी भीड़ उमड़ी है। इनकी बड़ी संख्या में एकत्र प्रत्याशी, एजेंट तथा प्रत्याशी के समर्थकों के कारण फिजिकल डिस्टेसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है। मतगणना केंद्रों के अंदर काफी सख्ती है। बिना कोविड निगेटिव रिपोर्ट के किसी को भी प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। सभी कर्मी अपने काम में काफी तल्लीनता से लगे हैं।

गड्डियां बनने के बाद अब पहले राउंड के मतों की गिनती का काम शुरू: प्रदेश के सभी 75 जिलों में आज मतगणना केंद्रों पर मतगणना के दौरान कड़े सुरक्षा प्रबंधों के अलावा कोराना संक्रमण से बचाव के लिए भी व्यापक बंदोबस्त हैं। हर मतदान केंद्र पर गणना में लगे कर्मियों ने मतपत्रों को एकत्र करने के बाद उनकी गड्डियां भी बना ली हैं। खराब मतपत्रों को अलग किया गया है। लखनऊ के साथ ही मेरठ, बरेली, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर, गोरखपुर तथा अन्य जिलों में भी गिनती का काम शुरू हो गया है। हर केंद्र पर कर्मियों की कमी के कारण गिनती थोड़ी धीमी हो रही है। मतपत्रों को अलग-अलग करने का काम भी काफी पेचीदा है, इसलिए सभी जगह पर वोटों की गिनती में काफी समय लग रहा है।

कर्मचारी बैलट पेपर की गड्डी बनाने में लगे : सभी मतदान केंद्रों में सबसे पहले मतपेटियों को खोला गया। इसके बाद रंगों के अनुसार सभी मतपत्र अलग किया जा रहा है। रंगों के हिसाब से 50-50 मतपत्रों की गड्डियां बनाई जाएंगी और इस तरह मतपत्रों को एकत्र किया जाएगा। इन छांटे गए मतपत्रों में से बेकार मतपत्रों को अलग करने के बाद गिनती शुरू हो जाएगी। पंचायत चुनाव में मतों की गिनती की लम्बी प्रक्रिया है। इस दौरान कर्मचारियों की ड्यूटी बदलती रहेगी। हर विकासखंड पर हर घंटे नतीजों की घोषणा की जाएगी। इसका अंतिम परिणाम आने में 36 से 72 घंटे तक का समय लग सकता है। रात से रुझान आने शुरू होंगे।

हर पद के लिए अलग मतपत्र: मतपत्रों वाले चुनाव में मतपेटियों में हर पद के लिए मतपत्र अलग-अलग होता है। प्रधान पद के लिए हरे रंग का मतपत्र होता है। प्रधान पद के नतीजे ग्राम पंचायत वार आएंगे। ग्राम पंचायत सदस्यों का मतपत्र सफेद रंग का होगा और ग्राम पंचायत सदस्यों के नतीजे वार्ड के हिसाब से आएंगे। सदस्य क्षेत्र पंचायत का मतपत्र नीले रंग का होगा और सदस्य क्षेत्र पंचायतों के नतीजे क्षेत्र पंचायत वार आएंगे। सदस्य जिला पंचायत का मतपत्र गुलाबी रंग का होगा और सदस्य जिला पंचायत के नतीजे वार्ड वार आएंगे।

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए भी व्यापक बंदोबस्त: प्रदेश के सभी 75 जिलों में आज मतगणना केंद्रों पर कड़े सुरक्षा प्रबंधों के अलावा कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए भी व्यापक बंदोबस्त हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद से सभी मतगणना केंद्र पर विशेष सतर्कता के निर्देश भी हैं। हर केंद्र पर मतगणना कर्मियों के साथ ही अधिकारियों के अलावा प्रत्याशियों व उनके एजेंटों के लिए थर्मल स्कैनिंग , मास्क व सैनिटाइजेशन अनिवार्य होगा। राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि चार चरणों में मतपत्रों के जरिए मतदान प्रक्रिया पूरी कराई गई थी। वोटिंग मतपत्रों के जरिए होने के कारण गिनती से पूर्व बैलेट पेपरों की छंटनी व बंडल बनाने की प्रक्रिया होगी। इसके बाद ही वोटों की गिनती शुरू हो पाएगी। प्रत्येेक मतगणना केंद्र पर मेडिकल हेल्थ डेस्क स्थापित की गई है जिसमें चिकित्सकों के अलावा जरूरी दवाएं भी उपलब्ध होंगी। सभी मतगणना केंद्र में किसी के भी प्रवेश से पहले उसका आक्सीमीटर व थर्मामीटर से टेस्ट हो रहा है। इस दौरान सभी मास्क लगाना और सुरक्षित शारीरिक दूरी अनिवार्य है। जुकाम, बुखार व खांसी के लक्षण मिलने पर किस भी व्यक्ति को मतगणना केंद्र से बाहर किया जा रहा है।

जुलूस निकाला तो होगी एफआईआर : आयुक्त मनोज कुमार ने कहा कि मतगणना स्थलों पर भीड़ नहीं जुटने दी जाएगी। सभी उम्मीदवारों को विजय जुलूस नहीं निकालने की सख्त हिदायत दी गयी है। इसके बाद भी जुलूस निकाला तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।

पंचायत चुनाव के लिए एक करोड़ सात लाख 4435 लोगों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था। इसमें से 17,619 का नामांकन खारिज हो गया था, जबकि 77669 लोगों ने अपना नामांकन वापस ले लिया था। तीन लाख 19,317 का निर्वाचन निर्विरोध हो गया था। अब कुल एक करोड़ 28 लाख, 9830 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा। जिला पंचायत सदस्य के 3050 पद के लिए 75 जिलों में 44397 प्रत्याशी मैदान में हैं। इसमें सात प्रत्याशी निर्विरोध भी जीते है। क्षेत्र पंचायत वार्ड सदस्य के 75852 पद के लिए तीन लाख 42439 प्रत्याशियों ने ताल ठोंकी है। इनमें से 2005 निर्विरोध चुने गए हैं। ग्राम प्रधान के 58176 पद के लिए पांच लाख 23,173 लोगों ने नामांकन कराया था, नाम वापसी के बाद चार लाख 64,717 प्रत्याशी मैदान में हैं। 178 ग्राम प्रधान निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। ग्राम पंचायत वार्ड सदस्य पद के सात लाख 32,485 पद के लिए चार लाख 38,277 प्रत्याशी मैदान में हैं। इस पद के तीन लाख 17,127 लोगों का निर्वाचन निर्विरोध हुआ है।

चार चरणों में सम्पन्न चुनाव: उत्तर प्रदेश में गांव की सरकार बनाने के लिए जितने उत्साह में प्रत्याशी थे, उतने ही मतदाता भी थे। जिसके कारण हर चरण में वोटिंग का प्रतिशत भी बढ़ता चला गया। गांव की सरकार चुनने के लिए 15 अप्रैल को पहले चरण के लिए 18 जिलों में वोट डाले गए थे। इस चरण में लगभग 71 प्रतिशत वोटिंग वोटिंग हुई थी। पहले चरण में जिला पंचायत वार्ड के 779 पद के लिए वोट डाले गये थे। क्षेत्र पंचायत वार्ड के 19,313 पद, ग्राम प्रधान पद के लिए 14789 पद के लिए मतदान हुआ था। ग्राम पंचायत सदस्य के लिए 1,86,583 पद के लिए वोटिंग हुई थी। पहले चरण में कुल 51,176 पोलिंग बूथ बनाए गए थे। इस चरण में 18 जिलों के तीन करोड़ 16 लाख 46 हजार 162 लोगों ने मतदान किया था। इसके बाद दूसरे चरण के लिए 19 अप्रैल को वोटिंग हुई थी। इसमें 20 जिलों के 72 प्रतिशत लोगों ने अपने अधिकार का प्रयोग किया। इस दौर में 20 जिलों में वोट डाले गये। दूसरे चरण में कुल 52623 पोलिंग बूथ पर तीन करोड़ 23 लाख 69 हजार 280 लोगों को वोट डालना था। पंचायत चुनाव के लिए तीसरे चरण के लिए वोटिंग 26 अप्रैल को हुई थी। 20 जिलों में कुल 73.5 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसमें जिला पंचायत वार्ड के 746 पद, क्षेत्र पंचायत वार्ड के 18530 पद, ग्राम प्रधान के 14379 पद और ग्राम पंचायत सदस्य के 180473 पद हैं। इस चरण में 20 जिलो में 49,789 पोलिंग बूथ पर तीन करोड़ 5,71 613 वोटर थे। पंचायत चुनाव में चौथे चरण का मतदान 29 अप्रैल को हुआ। इसमें 17 जिलों में 75.38 फीसदी वोटिंग हुई। इस चरण में जिला पंचायत वार्ड के 738, क्षेत्र पंचायत वार्ड के 18,356, ग्राम प्रधान के 14,111 तथा ग्राम पंचायत सदस्य के दो लाख 17516 पद हैं। 17 जिलों के 48460 बूथ पर दो करोड़ 98,21 443 मतदाता थे।

उम्मीदवार, जो मैदान में है

पद                                उम्मीदवार संख्या

जिला पंचायत सदस्य-         44,397

क्षेत्र पंचायत सदस्य-           3,42,439

ग्राम प्रधान-                       4,64,717

ग्राम पंचायत सदस्य-           4,38,277

कुल उम्मीदवार-               12,89,830

उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए

पद                           उम्मीदवार संख्या

जिला पंचायत सदस्य-           07

क्षेत्र पंचायत सदस्य-              2005

ग्राम प्रधान-                         178

ग्राम पंचायत सदस्य-             3,17,127

कुल निर्विरोध विजेता–           3,19,317