UP Coronavirus News: खांसी-बुखार हो तो ड्यूटी पर न आए कोई कर्मचारी, मुख्य सचिव ने दिए निर्देश
- डीएम अभिषेक प्रकाश का कहना है कि सरकारी और निजी कार्यालयों को तत्काल प्रभाव से पचास प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति कम करने के निर्देश दिए गए हैं। जहां उपस्थित अधिक पाई गई वहां के विभागाध्यक्ष के खिलाफ आपदा एक्ट के तहत कार्रवाई होगी।
लखनऊ । मुख्य सचिव आरके तिवारी ने कहा कि प्रदेश में कोई कर्मचारी यदि खांसी, बुखार, सांस लेने में परेशानी या गले में खराश से पीडि़त है तो वह ड्यूटी पर न आए। कार्यालयाध्यक्षों से इसे सुनिश्चित करने को कहा गया है। मुख्य सचिव ने प्रदेश सरकार के अधीन सभी कार्यालयों में फिर से कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि रोस्टर से कर्मचारियों की ड्यूटी दो-दो सप्ताह के लिए लगाई जाए।
डेस्क पर हेल्पलाइन से संबंधित पोस्टर लगाया जाए और कर्मचारी को कोविड-19 से संबंधित सामान्य जानकारी दी जाए। आदेश में कहा गया है कि कार्यालयों में आने वालों में कोई लक्षणयुक्त पाया जाए तो पल्स आक्सीमीटर से आक्सीजन सेचुरेशन की जांच की जाए। रीडिंग 94 फीसद से कम आने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, निकट के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या जिला चिकित्सालय को सूचित किया जाए।
आधे से अधिक कर्मचारी बुलाए तो विभागाध्यक्ष जिम्मेदार
कोरोना के कहर को देखते हुए शासन के निर्देश पर अब शहर के सरकारी और निजी कार्यालयों में पचास प्रतिशत कर्मचारी ही काम पर बुलाए जाएंगे। कर्मचारियों का रोस्टर तैयार होगा, उसके हिसाब से ही कार्यालय बुलाया जाएगा। शासन ने लखनऊ के अलावा अन्य चार शहरों में यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए हैं। डीएम अभिषेक प्रकाश का कहना है कि सरकारी और निजी कार्यालयों को तत्काल प्रभाव से पचास प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति कम करने के निर्देश जारी किए जा रहे हैं। जहां पर भी कर्मचारियों की उपस्थित अधिक पाई गई वहां के विभागाध्यक्ष के खिलाफ आपदा एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। डीएम के मुताबिक प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी इस दौरान लगातार रेंडम तरीके से कार्यालयों में उपस्थिति और कोविड प्रोटोकाल की जांच भी करेेंगे।