Union Budget 2021: 15 दिन के भीतर स्क्रैप पॉलिसी की घोषणा करेंगे नितिन गडकरी, चुनिंदा ऑटो पार्ट्स पर 15% बड़ी कस्टम ड्यूटी

नई दिल्ली । Union Budget 2021: देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया है। जिसमें ऑटो सेक्टर में स्क्रैपेज पॉलिसी पर सरकार का मुख्य रूप से ध्यान रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि पुराने वाहनों को चरणबद्ध करने के लिए एक वाहन स्क्रैपिंग नीति का विवरण जल्द ही घोषित किया जाएगा। इसके बाद प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए देश के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि दुनियाभर से हम भारत में स्क्रैप वाहनों को मंगवाएंगे। जिसको देश में रिसाइकिल किया जाएगा।
नितिन गडकरी ने आगे कहा कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने में स्क्रैप पॉलिसी काफी कारगर साबित होगी। गडकरी के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्क्रैप पॉलिसी को लागू करने की जिम्मेदारी उन्हें ही सौंपी है और अब हम आने वाले 15 दिनों के अंदर इसकी घोषणा कर देंगे। स्क्रैप पॉलिसी के लिए हम दस हज़ार करोड़ा रुपये का निवेश करेंगे। स्क्रैप पॉलिसी में पुराने कबाड़ हुए वाहनों को देश भर में रिसाइकिल किया जाएगा और 50 हज़ार लोगों को इसकी मदद से रोजगार मुहैया कराया जाएगा।
वहीं इस बजट से पिछले साल की तरह ही इस बार भी ऑटो सेक्टर को निराशा हाथ लगी है। कुछ चुनिंदा ऑटो पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाकर 15 फीसदी कर दी गई है। इसमें 7.5% का सीमा शुल्क लगेगा और इसके पुर्जे पर 2.5% का सीमा शुल्क लगाया जाएगा। जिसका मतलब है कि अब नए वाहन खरीदने के लिए ग्राहकों को अपनी जेब पर ज्यादा बोझ डालना पड़ सकता है। सरकार का कहना है कि कस्टम ड्यूटी बढ़ने से कुछ ही उत्पाद महंगे होंगे, लेकिन इससे देश में मैन्युफैक्चरिंग और एमएसएमई को बढ़ावा मिलेगा साथ ही आत्मनिर्भर भारत का वोकल फॉर लोकल अभियान को मजबूती भी होगी।
बता दें इस बार के बजट में ऑटो सेक्टर के हाथ कुछ ज्यादा मुनाफा तो नहीं आया है। वहीं आम आदमी को इस बजट से तगड़ा झटका भी लगा है। बजट 2021 में मिडिल क्लास लोगों को टैक्स स्लैब में राहत की उम्मीद थी जिसे सरकार ने कम नहीं किया है। वहीं आत्मनिर्भर भारत के तहत नितिन गडकरी ने हाल ही में भारतीय ईवी कंपनियों से कहा था कि स्वदेश में बनी लिथिय-आयन बैटरी का इस्तेमाल ही अपने वाहनों में करें। जिससे हमें इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने के लिए अधिकतर विदेशों पर निर्भर न करना पड़े।