देवबंद के मदरसों में फंसे हुए है हजारो छात्र
देवबंद। लॉकडाउन की वजह से देवबंद के मदरसों में तालीम हासिल कर रहे हजारों छात्र फंसे हुए हैं। वह घर जाना तो चाहते हैं, लेकिन सभी प्रकार की यात्रा सेवाएं बंद होने के चलते वह यहीं पर अटके हुए हैं। प्रशासन भी इनको घर भेजने को लेकर कतई गंभीर नहीं है। मदरसा संचालकों की माने तो उन्होंने प्रशासन को छात्रों से संबंधित लिस्ट दी हुई है। लेकिन अभी तक प्रशासन ने उन्हें घर भेजने की कोई व्यवस्था नहीं की है।
नगर एवं देहात क्षेत्र में छोटे बड़े सैकड़ों मदरसे हैं जिनमें देश के कोने कोने से आए हजारों छात्र तालीम हासिल कर रहे हैं। लॉकडाउन के बाद मदरसों में छुट्टी तो कर दी गई। लेकिन छात्र अभी भी यहीं पर फंसे हुए हैं। पीएम मोदी की सोशल डिस्टेंसिंग बनाने की अपील के बावजूद मजबूरी में छात्र 5 से 8 की संख्या में एक-एक कमरे में ठहरने को मजबूर हैं। बहुत से छात्र मदरसों के हॉस्टलों में जबकि अधिकतर प्राइवेट रूप से कमरे लेकर रह रहे हंै। ऐसी स्थिति में उनका वायरस से संक्रमित होने का खतरा अधिक हो जाता है। यहां सैकड़ों छात्रों के रहने के चलते देवबंद क्षेत्र को कोरोना वायरस के खतरे से बचाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। लेकिन प्रशासन इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है।
दारुल उलूम जकरिया के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती शरीफ कासमी का कहना है कि उन्होंने प्रशासन को मदरसे में रूके छात्रों की सूची दी हुई है। प्रशासन जब चाहे उन्हें घरों को भेज सकता है।
एसडीएम देवेंद्र पांडेय का कहना है कि छात्रों को अभी घर भेजने की कोई योजना नहीं है। उच्चाधिकारियों को जानकारी दी गई है। शासन से आदेश आने पर उन्हें भेजने की व्यवस्था की जाएगी।