‘यह लोकतंत्र की हत्या और भद्दा मजाक है, जिसकी किसी को अनुमति नहीं’, चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट की दो टूक

‘यह लोकतंत्र की हत्या और भद्दा मजाक है, जिसकी किसी को अनुमति नहीं’, चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट की दो टूक

चंडीगढ़। चंडीगढ़ मेयर चुनाव का विवाद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई। चीफ जस्टिस डॉ. धनंजय वाई चंद्रचूड़ ने पीठासीन अधिकारी का वीडियो देखकर नाराजगी जाहिर की है।

सुप्रीम कोर्ट ने की आलोचना

सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव कराने वाले रिटर्निंग ऑफिसर की आलोचना की और कहा कि यह स्पष्ट है कि रिटर्निंग ऑफिसर ने मतपत्रों को विकृत कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि क्या वह इसी तरह से चुनाव आयोजित करते हैं? यह लोकतंत्र का मजाक है। यह लोकतंत्र की हत्या है। उन्‍होंने चुनाव अधिकारी की वीडियो देखते हुए कहा कि इस आदमी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। क्या यह रिटर्निंग ऑफिसर का व्यवहार है?”

बैलेट पेपर और वीडियोग्राफी के जांच के आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से बैलेट पेपर, वीडियोग्राफी और अन्य सामग्री सहित चुनाव प्रक्रिया के पूरे रिकॉर्ड को संरक्षित करने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि चंडीगढ़ निगम की आगामी बैठक को सुनवाई की अगली तारीख तक के लिए टाल दिया जाए।


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