नई दिल्ली। दिल्ली के आसपास के राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हैं। फिर भी दिल्ली एनसीआर में शनिवार को पिछले दिन के मुकाबले प्रदूषण के स्तर में आंशिक सुधार हुआ। इसका कारण यह है कि हवा की दिशा धुआं दिल्ली पहुंचने के लिए पूरी तरह अनुकूल नहीं रही। साथ ही हवा की गति भी थोड़ी अधिक रही। इस वजह से धुआं अधिक ठीक नहीं पाया। फिर भी दिल्ली एनसीआर में हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में रही। प्रदूषण में पराली के धुएं की भूमिका 12 फीसद रही, जो एक दिन पहले 20 फीसद थी। इस तरह प्रदूषण में पराली के धुएं की भूमिका आठ फीसद कम हुई है।

सफर इंडिया के अनुसार रविवार को भी हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में रह सकती है। सोमवार को हवा की दिशा में बदलाव बदलाव होगा। उस दिन दक्षिण पूर्व दिशा की तरफ से हवा चलने से प्रदूषण के स्तर में थोड़ी और सुधार होने की उम्मीद है। इसलिए सोमवार को हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में उच्च स्तर पर रह सकती है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली में एयर इंडेक्स 268 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में है। एक दिन पहले दिल्ली का एयर इंडेक्स 283 था। सीपीसीबी के अनुसार पश्चिम दिशा की तरफ से चलने वाली हवा की गति आठ से 15 किलोमीटर प्रति घंटे रही। एनसीआर के शहरों में सबसे अधिक एयर इंडेक्स गाजियाबाद में 297 दर्ज किया गया। एक दिन पहले गाजियाबाद का एयर इंडेक्स 321 था।

सफर इंडिया के अनुसार 29 अक्टूबर को पराली जलाने की 1826 घटनाएं हुईं। जबकि 28 अक्टूबर को दिल्ली के आसपास के राज्यों में पराली जलाने की 1112 घटनाएं हुई थीं। तब उत्तर पश्चिम दिशा की तरफ से हवा चलने के कारण दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की भूमिका 20 फीसद पहुंच गई थी। इस वजह से वातावरण में पीएम-2.5 का स्तर 124 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर व पीएम-10 का स्तर 253 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया था। शनिवार को वातावरण में पीएम-2.5 का स्तर 113 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर व पीएम-10 की मात्रा 247 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर रहा।

सीपीसीबी के अनुसार पराली जलाने की घटनाएं

पंजाब- 1363

हरियाणा- 161

उत्तर प्रदेश- 32

दिल्ली एनसीआर का एयर क्वालिटी इंडेक्स

दिल्ली- 268

फरीदाबाद- 268

गाजियाबाद- 297

ग्रेटर नोएडा- 273

गुरुग्राम- 272

नोएडा- 260