सुप्रीम कोर्ट ने दिया टेलीकॉम कंपनियों को झटका, सरकार को देने होंगे 92 हजार करोड़
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वोडाफोन आइडिया, एयरटेल को बड़ा झटका देते हुए केंद्र सरकार को 92 हजार करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है। इससे टेलीकॉम कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली। कोर्ट ने कहा है कि इन कंपनियों को एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) का भुगतान करना होगा। इस मुद्दे को लेकर के दूरसंचार विभाग और टेलीकॉम कंपनियों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था।
17 फीसदी गिरा शेयर
जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस ए.ए. नजीर और जस्टिस एम.आर शाह की पीठ के आदेश देने के बाद वोडाफोन आइडिया का शेयर 17.17 फीसदी गिरकर 4.68 पर कारोबार कर रहा था। वहीं भारती एयरटेल के शेयरों में 6.2 फीसदी की गिरावट देखने को मिली और 338.15 रुपये पर कारोबार कर रहा था।
इस पर था विवाद
टेलीकॉम कंपनियों का तर्क था कि एजीआर में केवल लाइसेंस और स्पेक्ट्रम फीस को शामिल किया जाए। वहीं सरकार का कहना था कि इसमें इनके अलावा अन्य खर्चों को भी शामिल किया जाए। 2015 में दूरसंचार अपीलीय प्राधिकरण (टीडीसैट) ने आदेश देते हुए कहा था कि एजीआर में यूजर चार्ज, किराये, डिविडेंड और संपत्ति बेचने पर होने वाले मुनाफे को भी शामिल किया जाना चाहिए। हालांकि टीडीसैट ने खराब ऋण, विदेशी मुद्रा में उतार-चढ़ाव और कबाड़ बेचने से होने वाली आय को इसमें शामिल नहीं किया था। टीडीसैट के आदेश को दोनों पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट ले गई थीं।
92 हजार करोड़ में से सरकार केवल आधा ही वसूल कर पाई थी। टेलीकॉम सेक्टर पर फिलहाल सात लाख करोड़ रुपये का बकाया है।
एयरटेल ने दिया बयान
इस पर एयरटेल ने बयान दिया है। कंपनी ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश नहीं है। एजीआर पर डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्यूनिकेशंस और टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर के बीच साल 2005 से विवाद चल रहा है।