दिल्ली में पहले दिन ही GRAP फेल, जमकर कर चले जेनरेटर; नोएडा-गुरुग्राम में और भी बुरा हाल

दिल्ली में पहले दिन ही GRAP फेल, जमकर कर चले जेनरेटर; नोएडा-गुरुग्राम में और भी बुरा हाल

नई दिल्ली । पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने के चलते दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर इलाकों में वायु गुणवत्ता का स्तर  300 के पार चल रहा है, जो बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य के लिहाज से ठीक नहीं है। वहीं,  प्रदूषण से लड़ाई के लिए बृहस्पतिवार को दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू तो हो गया, लेकिन पहले दिन ही प्रतिबंधों की धज्जियां उड़ती दिखाई दीं। जनता में जहां इसे लेकर जागरूकता ही नहीं है, वहीं इसके क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार विभाग भी उदासीन नजर आए। कहीं कोई रोक-टोक करने वाला नजर नहीं आया। बृहस्पतिवार से खुले में कचरा जलाने, डीजल जेनरेटर, ढाबों-रेस्तरांओं में लकड़ी व कोयले के इस्तेमाल पर रोक है। धुआं छोड़ते वाहनों पर भारी जुर्माना तो सड़कों पर धूल को उड़ने से रोकने के लिए पानी का छिड़काव किया जाना था, लेकिन इन प्रावधानों पर अमल के लिए जिम्मेदार विभागों की कमोबेश पहले दिन सक्रियता दिखाई नहीं दी।

जनकपुरी में कई जगह सड़कों को खोदाई के बाद छोड़ दिया गया है। लक्ष्मीनगर, निर्माण विहार से गीता कॉलोनी की तरफ जाने वाले मार्ग, कृष्णा नगर, भजनपुरा समेत कई इलाकों में ढाबों में संचालक तंदूर गर्म करने के लिए लकड़ी व कोयले का इस्तेमाल करते नजर आए। फार्म हाउसों सहित अनेक स्थानों पर चोरी छिपे जेनरेटर भी चले। कुछ जगह कचरा जलते हुए भी दिखा। व्यस्त चौराहों पर यातायात जाम न हो, इसके लिए ट्रैफिक पुलिसकर्मी ज्यादा सक्रिय नहीं दिखे। हालांकि पूर्वी दिल्ली नगर निगम जरूर थोड़ा सक्रिय था। पटपड़गंज रोड, आइपी एक्सटेंशन, आनंद विहार बस स्टेशन और रेलवे टíमनल के सामने चौधरी चरण सिंह मार्ग पर स्प्रिंकलर गाड़ियों के जरिये पानी का छिड़काव कराया गया।

गाजियाबाद-गौतमबुद्धनगर में भी नहीं दिखा असर

गाजियाबाद एवं गौतमबुद्धनगर में पहले दिन बृहस्पतिवार को ग्रेप की धज्जियां उड़ीं। प्रशासन के इंतजाम नाकाफी साबित हुए। निर्माणाधीन दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर धूल उड़ती रही तो एनएच-9 के किनारे बने होटलों-रेस्तराओं में तंदूर पर खाना बनता रहा। शासन-प्रशासन की निर्बाध बिजली देने की घोषणा भी कागजी साबित हुई, जिसके कारण सोसायटियों में जेनरेटर खूब चले। हालांकि, कुछ जगह ग्रेप का उल्लंघन दिखने पर कार्रवाई भी की गई।

दक्षिण हरियाणा में बिजली देने का वादा हवाहवाई साबित हुआ

दक्षिण हरियाणा बिजली निगम के भरपूर बिजली उपलब्ध कराने के दावों के बावजूद गुरुग्राम में औद्योगिक व रिहायशी क्षेत्रों में अघोषित पावर कट लगते रहे। फरीदाबाद में जरूर स्थिति थोड़ी बेहतर रही।

भूरेलाल (अध्यक्ष, ईपीसीए) का कहना है कि ईपीसीए (पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण) या सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) योजना बना सकते हैं, गाइडलाइन दे सकते हैं, लेकिन अमल कराना राज्य सरकारों का काम है। राजनीतिक स्तर पर सख्त कदम कभी नहीं उठाए जाते। इसी कारण हालात खराब होते जा रहे हैं। ग्रेप को सख्ती से लागू कराने के मामले में भी यही समस्या आ रही है। यदि इसे सख्ती से लागू किया गया तो निश्चित तौर पर सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।

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