खेतो में पुराली जलाई तो होगी कठोर कार्यवाही: जिलाधिकारी

खेतो में पुराली जलाई तो होगी कठोर कार्यवाही: जिलाधिकारी
सहारनपुर में बयान जारी करते डीएम कुमार पांडेय।

सहारनपुर। जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय ने कहा कि जनपद में फसलों के अवशेष जलाने के मामले में दोषी पाए जाने पर सम्बंधितों के खिलाफ कठोर कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय ने शासन के निर्देशों के क्रम में जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक तहसील स्तर पर फसल अवशेष न जलाये जाने के उददेश्य से जनपद सहारनपुर के समस्त उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में तहसीलवार टास्क फोर्स के गठन किये जाने के निर्देश दिये गये है। फसल अवशेष जलाते हुए पाये जाने पर नियमानुसार दण्डित करने की कार्यवाही करने एवं फसल अवशेष जलाये जाने की स्थिति में किसी प्रकार की वसूली निर्धारित होती है, जो समस्त नायब तहसीलदार/तहसीलदार के द्वारा प्रक्रिया सम्पन्न की जायेगी। इस हेतु जनपद में तहसीलवार निम्नानुसार सचल दस्ते का गठन किया गया है।

उन्होंने बताया कि तहसील बेहट में उपजिलाधिकारी बेहट, नकुड में उपजिलाधिकारी नकुड, सहारनपुर में उपजिलाधिकारी सहारनपुर, देवबन्द में उपजिलाधिकारी देवबन्द तथा रामपुर मनिहारन में उपजिलाधिकारी रामपुर मनिहारन को पर्यवेक्षक अधिकारी नामित करने के साथ ही संबंधित तहसीलदार एवं थानाध्यक्ष के अलावा संबंधित सहायक विकास अधिकारी व विषय वस्तु विशेषज्ञ नामित किये गए हैं।

जिलाधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा कि फसल अवशेष को जलाये जाने से रोकने के लिए विभागवार निम्न कार्यवाही सम्पन्न करायी जायेगी जिसके अन्तर्गत कृषि विभाग द्वारा फसल कटाई से पूर्व प्रत्येक न्याय पंचायत/ब्लॉक स्तर/तहसील स्तर/जनपद स्तरीय कृषक गोष्ठियों एवं मेले का आयोजन करते हुए फसल अवशेष प्रबन्धन योजना का प्रचार-प्रसार कराना सुनिश्चित करें। राजस्व विभाग कृषि अपशिष्ट जलाने वाले दोषी व्यक्ति के विरूद्ध पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति/अर्थदण्ड वसूले जाने के संबंध में निर्देश दिये कि राजस्व विभाग के अन्तर्गत लेखपालों द्वारा, ग्रामीण क्षेत्रों के व्यापक स्तर पर कृषि अपशिष्ट को जलाए जाने की घटना होती है तो, देाषी पाए जाने के संबंध में साक्ष्यों सहित नायब तहसीलदार/तहसीलदार द्वारा संबंधित के विरूद्ध 3 दिन के अन्दर सुस्पष्ट कारण बताओं नोटिस जारी किया जायेगा जिसके संबंध में नायब तहसीलदार व तहसीलदार के स्तर पर सुनवाई के बाद दोषी पाए जाने के फलस्वरूप पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति व अर्थदण्ड का अधिरोपण किया जायेगा।

उन्होंने बताया कि उ.प्र. शासन ने कृषि भूमि का क्षेत्रफल 2 एकड़ से कम होने की दशा में अर्थदण्ड 2500 रूपए प्रति घटना। कृषि भूमि का क्षेत्रफल 2 एकड से अधिक किन्तु 5 एकड़ से कम होने की दशा में अर्थदण्ड 5000 रूपये प्रति घटना। कृषि भूमि का क्षेत्रफल 05 एकड से अधिक होने की दशा में अर्थदण्ड 15000 रूपये प्रति घटना। हरित अधिकरण के आदेशों के क्रम में उल्लंघनकर्ताओं से पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के रूप में वसूले गये प्रतिकर को पृथक खाता खुलवाकर जमा कराने के निर्देश दिए हैं।

 


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