संभल से लापता युवकों का ब्योरा खंगाल रहीं खुफिया एजेंसियां, आतंकी संगठनों से जुड़े होने की आशंका
अफगानिस्तान में मारे गए अलकायदा के दक्षिण एशिया प्रमुख संभल निवासी मौलाना आसिम उमर उर्फ शन्नू के कई समकालीन युवक भी जिले से लापता हैं। लंबे समय से गायब इन युवकों के घर वालों ने पुलिस में न तो इनकी गुमशुदगी दर्ज कराई है न ही पुलिस के पास इनका कोई आधिकारिक ब्योरा ही है। अब खुफिया एजेंसियां संभल से गुमशुदा युवकों का ब्योरा खंगालने में जुट गई हैं। आशंका जताई गई है कि इनमें से कुछ आतंकी संगठनों से जुड़े हो सकते हैं।
पूर्व में संभल जिले के तार आतंकी गतिविधियों से जुड़ते रहे हैं। यहां से लापता युवकों से आतंकी संगठन से जुड़ाव के भी कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं। लेकिन स्थानीय पुलिस ने उन्हें लेकर कभी गंभीरता नहीं दिखाई। इससे उसकी कार्यशैली पर भी सवाल उठते रहे हैं। हैरत की बात यह है कि गुम युवकों के परिजनों ने भी उनकी गुमशुदगी दर्ज कराने में दिलचस्पी नहीं दिखाई।
पुलिस के पास इनका कोई ब्योरा नहीं है लेकिन बताया गया है कि गायब युवकों की संख्या 10 से भी ज्यादा है। जैसे ही संभल के किसी युवक का आतंकी कनेक्शन निकलता है वैसे ही खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो जाती हैं। पर बाद में उनकी भी पड़ताल सुस्त पड़ जाती है। लेकिन इस बार अमेरिका-अफगानिस्तान सेना के संयुक्त ऑपरेशन में मौलाना आसिम उमर उर्फ शन्नू के मारे जाने से संभल में खुफिया तंत्र काफी सक्रिय नजर आ रहा है।
आसिम संभल से 21 वर्ष पहले लापता हुआ था। 2008 में पहली बार आतंकी संगठन में शामिल होने की जानकारी परिजनों को दी गई थी। आसिम उमर उर्फ शन्नू के लापता होने के कुछ वर्ष बाद संभल से कई नौजवान लापता हुए थे। कुछ लौट आए जो निजी कारणों से गए थे और कुछ का कोई पता नहीं है।
संभल पुलिस अधीक्षक, यमुना प्रसाद ने बताया कि खुफिया एजेंसियां अपने स्तर पर पड़ताल कर रही होंगी। स्थानीय पुलिस को फिलहाल गायब युवकों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। न ही उनके बारे में वह किसी तरह की पड़ताल में जुटी है।