नकुड में चल रही रामलीला मे लंका दहन का मनोहारी मंचन किया गया
- फोटो रामलीला के मंचन का दृश्य
नकुड [इंद्रेश]। नकुड मे चल रही रामलीला में रविवार को लंकादहन के प्रसंग का मनमोहन मंचन किया गया।
रावण की खोज में महाबली हनुमान सौ योजन के समुद्र को पार कर लंका में पंहुचे तो लंका के द्वार पर लंकीनी ने उनका रास्ता रोक लिया। महावीर हनुमान ने लंका को हनुमान जी ने जमकर मारा। तो दर्शको के हर्ष का ठिकाना न रहा। हनुमान जी के चरित्र का मंचन कर रहे कलाकार नेमचंद के मंचन ने दर्शको को खूब गुदगुदाया। हनुमान जी की मार से लंका को ब्रहमा का वरदान याद आ गया। उसने हनुमान जी से कहा कि ब्रहमा ने मुझे कहा था कि जिस दिन एक वानर तुझे मारेगा उस दिन समझ लेना लंका का विनाश आ गया है। अब मे समझ गयी कि अब लंका का विनाश तय है।
हनुमान लंका के परकोटे को लांघकर लंका मे प्रवेश कर गये । उन्होने लंका की हर गली , घर मे सीता जी को खोजा । अंत मे वे विभिषण के घर गये तो विभिषण ने उन्हे सीता जी का पता बताया। तब हनुमान जी अशोक वाटिका मे जाकर सीता जी से मिले। वंहा उन्होने सीता रावण संवाद व सीता जी का प्रलाप सुना। रावण के जाने पर उन्होन भगवान राम की अंगुठी गिरा दी। अंगुठी देखकर सीता के सामने हनुमान जी आये। हनुमान व सीता जी का संवाद, अशोक वाटिका विध्वंस, रावण पुत्र अक्षय कुमार के वध के बाद मेघनाथ हनुमान जी को बंदी बनाकर रावण के दरबार मे ले गया। क्रोधित रावण ने हनुमान जी की पुूछ मे आग लगाने की आज्ञा दी। तो लंका वासी हनुमान जी के पीछे पीछे घुमने लगे। हनुमान जी ने अपनी पूंछ से पूरी लंका ही जला दी।
इस मौके पर भूपेंद्र गुप्ता , वरूण मिततल, सतीश गर्ग, अक्षय सिंघल, साहिल सिंघल, राकेश भाऱद्वाज आदि उपस्थित रहे।