बड़ा सवाल: आखिर गुनहगार कौन? कानपुर के बाद यहां भी कठघरे में पुलिस और नेता, ये है पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के कानपुर में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पनाह देने वाले पुलिस वाले और नेता थे। सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद उनकी पोल खुलनी शुरू हुई। ठीक ऐसा ही मामला मेरठ में सामने आ रहा है। मोस्ट वांटेड बदन सिंह बद्दो की फरारी में मुख्य आरोपी से 10 लाख की रिश्वतखोरी के आरोपों का असली गुनहगार कौन है, इसकी चर्चा चारों तरफ हो रही है। इस मामले में एसपी सिटी डॉ. एएन सिंह और संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता की भूमिका को लेकर आईजी ने एसएसपी से आख्या मांग ली है।

कानपुर प्रकरण के बाद मेरठ पुलिस ने ढाई लाख के इनामी बदन सिंह बद्दो के करीबियों पर शिकंजा कसना शुरू किया। लेकिन होटल मुकुट महल के मालिक और बद्दो की फरारी के मुकदमे में मुख्य आरोपी मुकेश गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद आरोप लगने पर एसपी सिटी डॉ. अखिलेश नारायण सिंह व संयुक्त व्यापार संघ अध्यक्ष नवीन गुप्ता कठघरे में खड़े हो गए हैं। ब्रह्मपुरी थाना पुलिस और सर्विलांस की टीम ने मुकेश गुप्ता की गिरफ्तारी की तो कई राज उजागर होने शुरू हो गए हैं। मुकेश गुप्ता के भाई नरेश कंसल ने आरोप लगाया कि व्यापारी नेता नवीन गुप्ता 10 लाख रुपए रिश्वत के नाम पर एसपी सिटी को देने के लिए लेकर गए। यह बात पूछताछ के दौरान मुकेश गुप्ता ने पुलिस अधिकारियों को भी बताई है। अब सवाल पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे हैं कि बद्दो जैसे शातिर अपराधी की फरारी में भी व्यापारी नेता एसपी सिटी के नाम पर रिश्वत ले आए।

यह रिश्वत किसके पास पहुंची, यह तो अभी जांच का विषय बना हुआ है। लेकिन पुलिस विभाग की किरकिरी हो रही है। एसपी सिटी पर इतना बड़ा आरोप लगा है और पुलिस अधिकारी खामोश हैं। इसको लेकर भी अलग-अलग चर्चाएं शहर में चल रही हैं। ऐसे में जांच तो होनी ही चाहिए कि आखिर इस फरारी में रिश्वत का खेल चला तो कैसे चला। हालांकि पुलिस अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं कि लिखा पढ़ी में किसी ने कोई शिकायत नहीं की है।


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