भदोही के दबंग विधायक विजय मिश्रा की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट से भी खारिज

भदोही के दबंग विधायक विजय मिश्रा की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट से भी खारिज
  • ज्ञानपुर से विधायक विजय मिश्रा की जमानत याचिका को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी खारिज कर दिया है। जिला कोर्ट के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट से निराश होने के बाद दबंग विधायक विजय मिश्रा को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी निराशा मिली है।

लखनऊ। भदोही जिले के ज्ञानपुर से विधायक विजय मिश्रा की जमानत याचिका को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी खारिज कर दिया है। जिला कोर्ट के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट से निराश होने के बाद दबंग विधायक विजय मिश्रा को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी निराशा मिली है।

भदोही के जैतपुरा थाने में विधायक विजय मिश्रा, उनके बेटे-बेटी और भतीजों सहित 14 लोगों के खिलाफ 13 सितंबर 2021 को मुकदमा दर्ज किया गया था। इसी प्रकरण में विजय मिश्रा को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया गया था। विधायक विजय मिश्रा फिलहाल आगरा की जेल में बंद है। विजय मिश्रा ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव मैदान में उतरने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। दबंग विधायक विजय मिश्रा ने चुनाव के मद्देनजर जमानत मांगी थी। उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह जमानत के लिए उपयुक्त मामला नहीं है।

विजय मिश्रा लगातार तीन बार से भदोही की ज्ञानपुर सीट से विधायक है। 2017 में विजय मिश्रा ने निषाद पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता था। उधर विधायक विजय मिश्रा के बेटे विष्णु मिश्रा के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया गया है। पुलिस के अनुसार विष्णु मिश्रा के देश से फरार होने की सूचना पर यह नोटिस जारी किया गया है। लुक आउट नोटिस भागे हुए अपराधियों का पता लगाने के लिए जारी किया जाता है। इसका उपयोग अन्तरराष्ट्रीय सीमाओं और अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर आरोपी को हिरासत में लेने के लिए किया जाता है। विष्णु मिश्रा को उसके पिता विजय मिश्रा के साथ ही लूट-डकैती तथा सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस को लम्बे समय से तलाश है।

ज्ञानपुर के कौलापुर निवासी कृष्ण मोहन तिवारी ने बीते वर्ष चार अगस्त को विधायक विजय मिश्रा, उनकी पत्नी विधान परिषद सदस्य राम लली मिश्र और बेटे विष्णु कुमार मिश्रा के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। विजय मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है जबकि उनकी पत्नी को उच्च न्यायालय से सशर्त अग्रिम जमानत मिली है। विष्णु मिश्रा के विरूद्ध गैर जमानती वारंट के बाद उच्चतम न्यायालय से भी अग्रिम जमानत को लेकर दी गई अर्जी खारिज हो चुकी है और वह फरार है।

जैतपुरा थाना प्रभारी प्रभुकांत ने बताया कि विजय मिश्रा और उनके बेटे सहित दस लोगों के खिलाफ दुष्कर्म पीडि़ता को धमकी देने, हत्या का प्रयास, लूट व आपराधिक षडयंत्र सहित विभिन्न आरोपों दर्ज मुकदमे की विवेचना की जा रही है। विजय मिश्रा के बेटे विष्णु मिश्रा व बेटी रीमा पांडेय सहित दस आरोपितों के विरुद्ध अदालत से जारी कुर्की का नोटिस तामील कराया जा चुका है। इसके बावजूद सभी आरोपित हाजिर नहीं हुए और अदालत के आदेश की अवहेलना की। अदालत के आदेश की अवहेलना दंडनीय अपराध है, इसलिए इनके खिलाफ मुकदमा कायम किया गया है। इस मामले में भदोही के गोपीगंज थाने के कौलापुर निवासी विजय मिश्रा के पुत्र विष्णु मिश्रा, प्रयागराज के अल्लापुर में रहने वाली पुत्री रीमा पांडेय, कौलापुर निवासी प्रकाश चंद्र मिश्रा, विकास मिश्रा, जौनपुर के बरसठी थानांतर्गत नरहर में रहने वाली बीमा दुबे व उसके पति राज दुबे उर्फ पंकज दुबे। मुंबई में रहने वाली गरिमा तिवारी व पति मुकेश तिवारी व मुंबई के रतन मिश्रा व विमलधर दुबे आरोपित हैं। जैतपुरा थाने में विधायक विजय मिश्रा, उनके बेटे-बेटी और भतीजों सहित 14 लोगों के खिलाफ 13 सितंबर 2021 को मुकदमा दर्ज किया गया था।

मुकदमा दर्ज कराने वाली युवती के अनुसार, उसके साथ विजय मिश्रा, उनके बेटे और नाती ने जनवरी 2014 से दिसंबर 2015 के बीच सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस संबंध में उसने 18 अक्टूबर 2020 को भदोही जिले के ज्ञानपुर थाने में तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप है कि सामूहिक दुष्कर्म के उसी मुकदमे में समझौता करने और अपने बयान से मुकरने का दबाव बनाने के लिए विजय मिश्र की बेटियां, बेटा, भतीजे और दामाद सहित अन्य लोग उसके घर में जबरन घुसे थे। सभी ने उसे जान से मारने की धमकी देते हुए सादे कागजों पर हस्ताक्षर कराने का प्रयास करते हुए प्रताडि़त किया था। पुलिस ने विजय मिश्रा को दो दिसंबर 2021 को आगरा जेल से लाकर अदालत में पेश किया था। विजय मिश्र के भतीजे और भदोही के डीघ ब्लाक प्रमुख मनीष मिश्र को आठ दिसंबर 2021 को गिरफ्तार किया गया था।