साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज का 355 वां प्रकाशोत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया

- गुरवाणी कीर्तन करता रागी जत्था
देवबंद [24CN]: साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज का 355 वां प्रकाशोत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया। रागी जत्थों ने गुरवाणी कर संगत को निहाल किया।
कार्यक्रम में संगत को संबोधित करते हुए कथावाचक भाई जसवंत सिंह ने कहा कि देश, धर्म रक्षक गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज ने मानवता, मानवाधिकारों व धर्म की रक्षा के लिए अपने पिता गुरु तेग बहादुर, चार साहिबजादों, माता गुजरी जी व स्वंम को कुर्बान कर दिया। इसलिए उन्हें सरबंसदानी भी कहा जाता है। गुरूद्वारा कमेटी के प्रधान सेठ कुलदीप कुमार ने कहा कि गुरू गोबिंद सिंह जी का जन्म पटना साहिब में नौवें पातशाह गुरू तेग बहादुर जी व माता गुजरी जी के घर में हुआ। वे मात्र 9 वर्ष के थे जब कश्मीरी पंडित गुरू तेग बहादुर जी के पास आए और हिंदू धर्म की रक्षा की गुहार लगाई। बालक गोबिंद राय ने स्वंम पिता को शहादत देने के लिए दिल्ली भेजा।
गुरूद्वारा कमेटी के सचिव गुरजोत सिंह सेठी ने कहा कि गुरू गोबिंद सिंह जी महाराज ने राज्य पर कब्जे के लिए नही अपितु धर्म की रक्षा के लिए अधर्म के विरूद्ध लड़ाईयां लड़ी। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना कर गुलामी की बेड़ियों में जकड़ी हुई हिंदुस्तान की जनता में नई जान फंूक दी। उन्होंने खालसा रूप में ऐसा तेज भरा कि पहले मुगलों व बाद में अंग्रेजों से लोहा लेने व शहादत देने में कौम अग्रणी रही।
इससे पूर्व ज्ञानी मनोज सिंह, गुरमीत सिंह, ज्ञानी नितीन सिंह, अमनदीप सिंह, भाई चंद्रदीप सिंह, मनीष भारती, चन्नी बेदी, बलदीप सिंह, सचिन छाबड़ा, अमनदीप कपूर, हर्षप्रीत मनचंदा, मनरूप कौर, गणिव कौर, गुणरूप कौर, बबनीश कौर ने गुरवाणी का गायन कर संगत को निहाल किया।
गुरूद्वारा कमेटी की ओर से अखंड पाठ साहिब की सेवा करने वाले सचदेवा परिवार, निशान साहिब की सेवा करने मोहन लाल सचदेवा परिवार व गुरूद्वारा साहिब में प्रसाद बनाने के लिए नई रसोई बनवाने वाले प्रोफेसर गुरविंदर सिंह छाबड़ा, मनप्रीत सिंह छाबड़ा व हरप्रीत कौर को सिरोपा देकर सम्मानित किया गया। अरदास उपरांत गुरू का अतूट लंगर बरताया गया।
इस दौरान कुलभूषण छाबड़ा, शोभा सिंह मनचंदा, गुरदीप सिंह, दलीप मल्होत्रा, सुखजिंदर सिंह, डा. गुरदीप सिंह सोढी, श्याम लाल भारती, दिलबाग सिंह उप्पल, बलवंत सिंह, चरण सिंह, राजेश छाबड़ा, गुरजंट सिंह, अजय मदान, अंशुल गाबा, वेद प्रकाश अरोड़ा, सिमरलाल सचदेवा, मंगू सचदेवा, रवि होरा, जसदीप सिंह नेगी आदि मौजूद थे।