पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी पर सियासी उबाल, विरोध में सड़क पर उतरी टीडीपी

पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी पर सियासी उबाल, विरोध में सड़क पर उतरी टीडीपी

आंध्र प्रदेश। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू (N Chandrababu Naidu) की गिरफ्तारी के बाद से सियासी घमासान मच गया है। पार्टी कार्यकर्ता टीडीपी नेता सड़कों पर जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे है। कहीं, सड़कों पर टायर जलाए गए तो कहीं, कार्यकर्ता सड़कों पर बैठकर धरना प्रदर्शन दे रहे है।

बता दें ,चंद्रबाबू नायडू को आपराधिक जांच विभाग (CID) ने शनिवार सुबह गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी कथित भ्रष्टाचार के मामले में की गई है। आज सुबह पुलिस अधिकारियों की टीम जब टीडीपी नेता को हिरासत में लेने के लिए पहुंची तो नंद्याल में जबरदस्त हंगामा हुआ।

बिना किसी सबूत के हुई गिरफ्तारी

पार्टी नेताओं ने दावा किया है कि, पुलिस चंद्रबाबू को ओरवाकल एयरपोर्ट से फ्लाइट के जरिए विजयवाड़ा ले जाएगी। हालांकि, चंद्रबाबू ने अपनी इस गिरफ्तारी पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका मानना है कि यह गिरफ्तारी बिना किसी आरोपों के सबूत दिखाए बिना की गई है। चंद्रबाबू ने कहा कि सबूत पेश किए जाने पर ही वह कानून का सहयोग करेंगे।

चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी के बाद सड़कों पर विरोध प्रदर्शन

एन चंद्रबाबू नायडू की अवैध गिरफ्तारी के खिलाफ तेलुगु देशम पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने तिरुपति के अन्नपूर्णा सरुकुलु केंद्र में विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश ने भी सीआईडी द्वारा अपने पिता की गिरफ्तारी के बाद विरोध प्रदर्शन कर नाराजगी जाहिर की है।

नायडू का हुआ मेडिकल जांच

नायडू के वकील के मुताबिक, गिरफ्तारी से पहले CID ने नायडू को मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया। बता दें कि उन्हें हाई ब्लड प्रेशर और शुगर है। वकील ने कहा, ‘हम जमानत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा रहे हैं।’

बिना किसी उचित जानकारी के मुझे गिरफ्तार किया

पुलिस हिरासत में जाने से पहले राज्य के पूर्व सीएम और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने कहा, ‘मैंने कोई कदाचार या भ्रष्टाचार नहीं किया है। सीआईडी ने बिना किसी उचित जानकारी के मुझे गिरफ्तार कर लिया और मैंने उनसे सबूत दिखाने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने सबूत दिखाने से इनकार कर दिया और मेरी भूमिका के बिना मेरा नाम एफआईआर में जोड़ दिया।’

टीडीपी कार्यकर्ताओं और पुलिस कर्मियों के बीच झड़प

चंद्रबाबू नायडू को हिरासत में ले जाने के बीच टीडीपी कार्यकर्ताओं और पुलिस कर्मियों के बीच हल्की झड़प भी हुई। राज्य पुलिस ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए एहतियाती कार्रवाई के तौर पर टीडीपी नेता और पार्टी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश को पूर्वी गोदावरी जिले में हिरासत में लिया। टीडीपी नेताओं ने वरिष्ठ नेता के खिलाफ देर रात की कार्रवाई के लिए पुलिस की आलोचना की।

टीडीपी कार्यकर्ता भी गिरफ्तार

कथित तौर पर, पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। अधिकारियों के मुताबिक, इलाके में DIG रघुराम रेड्डी के नेतृत्व में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। सीआईडी अधिकारियों ने कहा, ‘हमारे पास सबूत हैं। हमने इसे उच्च न्यायालय को दे दिया है। रिमांड रिपोर्ट में सभी सामग्री शामिल है। हम उसे विजयवाड़ा ले जाने से पहले एक रिमांड रिपोर्ट देंगे।’

‘जगन मोहन रेड्डी देश में सबसे भ्रष्ट राजनेता’

टीडीपी प्रवक्ता कोम्मारेड्डी पट्टाभिराम ने मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी को देश में सबसे भ्रष्ट राजनेता बताया। पूर्व सीएम एन चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी पर उन्होंने दावा किया कि कल रात से आंध्र प्रदेश पुलिस और सीआईडी ने चंद्रबाबू नायडू को अवैध रूप से गिरफ्तार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। चंद्रबाबू नायडू के शिविर स्थल के बाहर सैकड़ों पुलिसकर्मी जमा हो गए और उन्होंने उन सभी नेताओं को अवैध रूप से हिरासत में लिया है जो चंद्रबाबू नायडू के साथ कैंपसाइट पर रह रहे थे।

टीडीपी प्रवक्ता ने आगे कहा कि चंद्रबाबू नायडू बस से बाहर आए और एक साधारण सवाल पूछा ‘आप मुझे किस आधार पर गिरफ्तार कर रहे हैं?’ पुलिस के पास कोई जवाब नहीं था। पिछले दो वर्षों से, कौशल विकास मामले का नाटक चल रहा है और चुनाव से ठीक पहले, उन्होंने चंद्रबाबू नायडू को एक भ्रष्ट राजनेता के रूप में ब्रांड करने के लिए इस गिरफ्तारी को अंजाम दिया है।’

क्या है कौशल विकास घोटाला?

आंध्र प्रदेश पुलिस के अपराध जांच विभाग ने इसी साल मार्च में, राज्य कौशल विकास निगम में लगभग 3, 300 करोड़ रुपये के कथित घोटाले की जांच शुरू की। इसकी जांच भारतीय रेलवे यातायात सेवा (IRTS) के पूर्व अधिकारी अरजा श्रीकांत को जारी किए गए नोटिस के बाद शुरू की गई। बता दें कि अरजा श्रीकांत 2016 में एपीएसएसडीसी के सीईओ थे।

टीडीपी सरकार के कार्यकाल (2016) के दौरान, बेरोजगार युवाओं को उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके सशक्त बनाने के उद्देश्य से एपीएसएसडीसी की स्थापना की गई थी। आरोप है कि नायडू सरकार ने योजना में इस्तेमाल किए जाने वाली रकम 371 करोड़ रुपये शैल कंपनियों को ट्रांसफर कर दिया। साथ ही पैसे ट्रांसफर करने से संबधित सभी डॉक्यूमेंट्स को भी नष्ट कर दिया गया।

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